मिजोरम का विशाल परिवार: 181 सदस्यों की अनोखी कहानी

मिजोरम के बटवंग गांव में एक अनोखा परिवार है जिसमें 181 सदस्य एक साथ रहते हैं। इस परिवार के मुखिया जिओना चाना हैं, जिनकी 39 पत्नियां और 94 बच्चे हैं। जानें कैसे यह परिवार बिना किसी झगड़े के एक साथ रहकर अपनी जीवनशैली को बनाए रखता है। इस लेख में इस विशाल परिवार की दिनचर्या, राशन की मात्रा और सदस्यों के नाम याद रखने की चुनौती के बारे में जानकारी दी गई है।
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मिजोरम का विशाल परिवार: 181 सदस्यों की अनोखी कहानी

181 सदस्यों का अनोखा परिवार

वर्तमान में महंगाई के चलते लोग छोटे परिवारों में रहना पसंद कर रहे हैं, लेकिन मिजोरम के बटवंग गांव में एक ऐसा परिवार है जिसमें 181 सदस्य एक साथ रहते हैं। उनके पास 100 कमरों वाला एक विशाल मकान है, जहां सभी सदस्य मिलकर खुशी-खुशी जीवन यापन करते हैं।


परिवार का मुखिया और उनकी अनोखी व्यवस्था

इस अनोखे परिवार के मुखिया जिओना चाना हैं, जिनकी 39 पत्नियां, 94 बच्चे, 14 बहुएं, 33 पोते-पोती और एक प्रपौत्र है। यह परिवार गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में दुनिया के सबसे बड़े परिवार के रूप में दर्ज है। जिओना चाना अपने परिवार पर गर्व करते हैं और उनके प्रबंधन के तरीके भी अद्वितीय हैं।


मिजोरम का विशाल परिवार: 181 सदस्यों की अनोखी कहानी


जिओना की सबसे बड़ी पत्नी घर की महिला मुखिया हैं, जो सभी सदस्यों के बीच काम बांटने और निगरानी रखने का कार्य करती हैं। परिवार के सभी सदस्य मिलकर काम करते हैं, जिससे घर में कोई झगड़ा नहीं होता। इसके अलावा, परिवार की महिलाएं खेती का काम भी करती हैं, जबकि जिओना अपने बेटों के साथ मिलकर बढ़ई का काम करते हैं।


राशन की अद्भुत मात्रा

जिओना के घर में 100 कमरे हैं, जिससे सभी सदस्यों को रहने में कोई समस्या नहीं होती। उनके पास एक विशाल रसोई है, जहां एक दिन में इतना खाना बनता है कि एक सामान्य परिवार को दो-तीन महीने तक चल सके। यहां रोजाना 45 किलो चावल, 30-40 मुर्गे, 25 किलो दाल, दर्जनों अंडे, 60 किलो सब्जियां और 20 किलो फल तैयार होते हैं।


मिजोरम का विशाल परिवार: 181 सदस्यों की अनोखी कहानी


परिवार में सभी अनुशासन का पालन करते हैं और उनका अपने इलाके में एक खास दबदबा है। नेता लोग भी इस परिवार को महत्व देते हैं, क्योंकि एक ही परिवार से इतने सारे वोट मिलते हैं।


सदस्यों के नाम और जन्मदिन

परिवार के सदस्यों के नाम याद रखने में थोड़ी कठिनाई होती है। चाना परिवार के सबसे बड़े पुत्र नुनपरलियाना का कहना है कि वे अपने दोस्तों के नाम भी याद रखते हैं, इसलिए परिवार के सदस्यों के नाम भी याद रह जाते हैं। हालांकि, सभी के जन्मदिन याद रखना चुनौतीपूर्ण होता है, लेकिन कोई न कोई सदस्य इसे याद कर ही लेता है।


यह आश्चर्यजनक है कि इतना बड़ा परिवार बिना किसी झगड़े के एक साथ रह रहा है, जबकि आजकल छोटे परिवारों में भी मनमुटाव हो जाता है।