मासिक शिवरात्रि 2025: पूजा विधि और महत्व

मासिक शिवरात्रि 2025 का व्रत भगवान शिव को समर्पित है, जो हर महीने की कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को मनाया जाता है। इस दिन भक्तजन विशेष विधि से पूजा करते हैं, जिससे जीवन में सुख और समृद्धि आती है। जानें पूजा का सही समय, विधि और शिव चालीसा के कुछ महत्वपूर्ण अंश। इस अवसर पर आरती और चालीसा का पाठ करना अनिवार्य है।
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मासिक शिवरात्रि का महत्व

मासिक शिवरात्रि का व्रत अत्यंत पवित्र माना जाता है, जो भगवान शिव को समर्पित है। यह व्रत हर महीने की कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मनाया जाता है। इस दिन भक्तजन विधिपूर्वक भगवान शिव की पूजा करते हैं, विशेष रूप से मध्य रात्रि में। आज पौष माह की मासिक शिवरात्रि का आयोजन किया जा रहा है, जिसमें भक्तों ने व्रत रखा है।


पूजा का समय और विधि

हिंदू धर्म के अनुसार, मासिक शिवरात्रि के दिन व्रत और भगवान शिव की पूजा करने से जीवन के सभी कष्ट समाप्त हो जाते हैं और सुख-समृद्धि आती है। इस दिन पूजा का समय रात 11:51 बजे से लेकर 12:51 बजे तक है। पूजा के दौरान आरती और शिव चालीसा का पाठ करना अनिवार्य है, जिससे जीवन में सौभाग्य की वृद्धि होती है।


शिव चालीसा के कुछ अंश

दोहा


जय गणेश गिरिजा सुवन, मंगल मूल सुजान।


कहत अयोध्यादास तुम, देहु अभय वरदान॥


चौपाई


जय गिरिजा पति दीन दयाला। सदा करत सन्तन प्रतिपाला॥


भाल चन्द्रमा सोहत नीके। कानन कुण्डल नागफनी के॥


अंग गौर शिर गंग बहाये। मुण्डमाल तन क्षार लगाए॥


वस्त्र खाल बाघम्बर सोहे। छवि को देखि नाग मन मोहे॥


नमो नमो जय नमः शिवाय। सुर ब्रह्मादिक पार न पाय॥


विशेष जानकारी

मासिक शिवरात्रि के अवसर पर भक्तों को सलाह दी जाती है कि वे प्रातः उठकर चालीसा का पाठ करें और अपनी मनोकामनाओं की पूर्ति के लिए भगवान शिव से प्रार्थना करें।