मासिक दुर्गाष्टमी 2025: जानें तिथि, शुभ मुहूर्त और पूजा विधि

मासिक दुर्गाष्टमी 2025 का पर्व हर महीने की शुक्ल पक्ष की अष्टमी को मनाया जाता है। इस वर्ष, यह पर्व 28 दिसंबर को मनाया जाएगा। जानें इस दिन का शुभ मुहूर्त और पूजा विधि, जिससे आप देवी दुर्गा की कृपा प्राप्त कर सकें। इस विशेष अवसर पर व्रत और पूजा का महत्व जानने के लिए पढ़ें पूरा लेख।
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मासिक दुर्गाष्टमी 2025: जानें तिथि, शुभ मुहूर्त और पूजा विधि

मासिक दुर्गाष्टमी 2025

मासिक दुर्गाष्टमी 2025: जानें तिथि, शुभ मुहूर्त और पूजा विधि

मासिक दुर्गाष्टमी 2025Image Credit source: Freepik


मासिक दुर्गाष्टमी 2025: हर महीने की शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि को मासिक दुर्गाष्टमी का पर्व मनाया जाता है। इस दिन माता दुर्गा की पूजा और व्रत का आयोजन किया जाता है। पौष माह की शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि पर यह पर्व मनाया जाएगा, जो देवी दुर्गा की कृपा प्राप्त करने का एक महत्वपूर्ण अवसर है।


हिंदू धर्म में मान्यता है कि मासिक दुर्गाष्टमी का व्रत रखने से देवी दुर्गा प्रसन्न होती हैं और भक्तों को सुख और समृद्धि का आशीर्वाद देती हैं। यह व्रत संकटों को दूर करने और भक्तों को अपने चरणों में स्थान देने का साधन माना जाता है। आइए जानते हैं कि इस वर्ष पौष माह की मासिक दुर्गाष्टमी कब मनाई जाएगी और इसका शुभ मुहूर्त और पूजा विधि क्या है।


मासिक दुर्गाष्टमी 2025 कब है? (Masik Durgashtami 2025 कब है)


दिसंबर 2025 में पौष माह की शुक्ल अष्टमी तिथि 27 दिसंबर को दोपहर 01:09 बजे प्रारंभ होगी और इसका समापन 28 दिसंबर को सुबह 11:59 बजे होगा। सनातन परंपरा के अनुसार, उदया तिथि को महत्वपूर्ण माना जाता है। इसलिए, इस साल की अंतिम मासिक दुर्गाष्टमी 28 दिसंबर को मनाई जाएगी, जब व्रत और देवी दुर्गा की पूजा होगी।


मासिक दुर्गाष्टमी शुभ मुहूर्त (Masik Durgashtami 2025 शुभ मुहूर्त)


मासिक दुर्गाष्टमी के दिन ब्रह्म मुहूर्त सुबह 05:23 बजे शुरू होगा और यह 06:18 बजे तक रहेगा। अभिजित मुहूर्त दोपहर 12:02 बजे से 12:43 बजे तक रहेगा। विजय मुहूर्त दोपहर 02:06 बजे से 02:47 बजे तक रहेगा।


मासिक दुर्गाष्टमी पूजा विधि (Masik Durgashtami पूजा विधि)


मासिक दुर्गाष्टमी के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और स्वच्छ लाल या पीले वस्त्र पहनें। घर के मंदिर की सफाई करें और शांत मन से संकल्प लें। चौकी पर लाल कपड़ा बिछाकर देवी दुर्गा की प्रतिमा या तस्वीर स्थापित करें। माता जी पर गंगाजल छिड़कें, लाल चुनरी, फूल, अक्षत और सिंदूर अर्पित करें। घी का दीपक जलाएं और धूप दिखाएं। भोग में हलवा, पूरी, फल या नारियल चढ़ाएं। दुर्गा चालीसा का पाठ करें या ओम दुम दुर्गाय नमः मंत्र का जप करें। अंत में कपूर से आरती कर पूजा संपन्न करें।


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