मालेगांव विस्फोट मामले में साध्वी प्रज्ञा ठाकुर की बरी होने पर प्रतिक्रिया

साध्वी प्रज्ञा ठाकुर ने मालेगांव विस्फोट मामले में एनआईए अदालत द्वारा बरी किए जाने के बाद कहा कि भगवान दोषियों को सजा देंगे। उन्होंने आरोप लगाया कि कुछ लोगों ने जानबूझकर भगवा को बदनाम किया। अदालत ने सभी सात आरोपियों को बरी कर दिया, यह कहते हुए कि अभियोजन पक्ष मामले को साबित करने में असफल रहा। जानें इस मामले में और क्या हुआ और साध्वी प्रज्ञा का क्या कहना है।
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मालेगांव विस्फोट मामले में साध्वी प्रज्ञा ठाकुर की बरी होने पर प्रतिक्रिया

साध्वी प्रज्ञा ठाकुर का बयान

मालेगांव विस्फोट मामले में एनआईए अदालत द्वारा बरी किए जाने के बाद, साध्वी प्रज्ञा ठाकुर ने गुरुवार को कहा कि भगवान उन दोषियों को सजा देंगे। उन्होंने यह भी कहा कि कुछ लोगों ने जानबूझकर भगवा को बदनाम किया है। प्रज्ञा ने कहा, "मेरी ज़िंदगी पिछले 17 वर्षों से बर्बाद हो गई है और भगवान उन लोगों को दंडित करेंगे जिन्होंने 'भगवा' का अपमान करने की कोशिश की।" साध्वी ने यह भी बताया कि जब भी किसी को जांच के लिए बुलाया जाता है, तो उसके पीछे कोई न कोई आधार होना चाहिए। उन्हें जांच के लिए बुलाया गया और गिरफ़्तार कर प्रताड़ित किया गया, जिससे उनका जीवन प्रभावित हुआ।


भगवा की जीत का जश्न

साध्वी प्रज्ञा ठाकुर ने कहा कि उन्होंने साधु का जीवन जीया, लेकिन उन पर आरोप लगाए गए और कोई भी उनके साथ खड़ा नहीं हुआ। उन्होंने कहा, "मैं जीवित हूँ क्योंकि मैं एक संन्यासी हूँ। भगवा को बदनाम करने के लिए साजिश की गई। आज भगवा की और हिंदुत्व की जीत हुई है, और ईश्वर दोषियों को सजा देगा। हालांकि, भारत और भगवा को बदनाम करने वालों को आपने गलत साबित नहीं किया है।"


एनआईए अदालत का फैसला

इससे पहले, मुंबई की एनआईए विशेष अदालत ने 2008 के मालेगांव विस्फोटों में शामिल सभी सात आरोपियों को बरी कर दिया। अदालत ने कहा कि अभियोजन पक्ष मामले को उचित संदेह से परे साबित करने में असफल रहा। एनआईए अदालत ने महाराष्ट्र सरकार को पीड़ितों के परिवारों को 2-2 लाख रुपये और घायलों को 50-50 हजार रुपये का मुआवज़ा देने का आदेश दिया। इस मामले में पूर्व सांसद साध्वी प्रज्ञा, मेजर (सेवानिवृत्त) रमेश उपाध्याय, सुधाकर चतुर्वेदी, अजय राहिरकर, सुधांकर धर द्विवेदी (शंकराचार्य) और समीर कुलकर्णी समेत कुल 7 लोगों को आरोपी बनाया गया था। न्यायाधीश अभय लोहाटी ने कहा, "अभियोजन पक्ष ने साबित किया कि मालेगांव में विस्फोट हुआ था, लेकिन यह साबित नहीं कर पाया कि उस मोटरसाइकिल में बम रखा गया था।"