मालेगांव विस्फोट मामले में सभी आरोपियों की बरी होने पर आरएसएस और भाजपा नेताओं की प्रतिक्रियाएँ

2008 के मालेगांव विस्फोट मामले में सभी आरोपियों को बरी करने के एनआईए कोर्ट के फैसले पर आरएसएस और भाजपा नेताओं ने तीखी प्रतिक्रियाएँ दी हैं। आरएसएस ने इसे राजनीतिक स्वार्थ का परिणाम बताया, जबकि योगी आदित्यनाथ ने कांग्रेस पर आरोप लगाया कि उसने 'भगवा आतंकवाद' जैसे मिथ्या शब्द का उपयोग किया। असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने भी इस मामले में अपनी राय रखी। जानिए इस मामले में और क्या कहा गया।
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मालेगांव विस्फोट मामले में सभी आरोपियों की बरी होने पर आरएसएस और भाजपा नेताओं की प्रतिक्रियाएँ

आरएसएस का बयान

2008 के मालेगांव विस्फोट मामले में सभी आरोपियों को बरी करने के एनआईए कोर्ट के निर्णय पर आरएसएस ने एक महत्वपूर्ण प्रतिक्रिया दी है। आरएसएस के अखिल भारतीय प्रचार प्रमुख, सुनील आंबेकर ने कहा कि कुछ स्वार्थी उद्देश्यों और राजनीतिक हितों के चलते, पूरे हिंदू धर्म और समुदाय को आतंकवाद से जोड़ने का प्रयास किया गया था। आज के अदालत के फैसले ने उन सभी प्रयासों और आरोपों को निराधार साबित कर दिया है, जो कि स्वागत योग्य है।


योगी आदित्यनाथ की आलोचना

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मालेगांव बम विस्फोट मामले में सात आरोपियों के बरी होने पर कांग्रेस की तीखी आलोचना की। उन्होंने कहा कि यह निर्णय पार्टी के भारत विरोधी और न्याय विरोधी चरित्र को उजागर करता है। योगी ने एक्स पर लिखा कि सभी आरोपियों का निर्दोष साबित होना 'सत्यमेव जयते' का प्रतीक है। उन्होंने कांग्रेस पर आरोप लगाया कि उसने 'भगवा आतंकवाद' जैसे मिथ्या शब्द का उपयोग कर करोड़ों लोगों की छवि को धूमिल किया है और उन्हें सार्वजनिक रूप से माफी मांगनी चाहिए।


हिमंत बिस्वा सरमा का बयान

असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने कहा कि केंद्रीय गृह मंत्री ने सदन में कहा था कि दर्शनशास्त्र के अनुसार हिंदू आतंकवादी नहीं हो सकते। उन्होंने कहा कि कांग्रेस के शासन में एक विशेष समुदाय को खुश करने के लिए 'हिंदू आतंकवाद' शब्द गढ़ा गया। भाजपा नेता ने यह भी कहा कि हिंदू और आतंक दो विपरीत अवधारणाएँ हैं और आज मुंबई की अदालत ने इस अवधारणा को ध्वस्त कर दिया है।


रविशंकर प्रसाद की टिप्पणी

भाजपा नेता रविशंकर प्रसाद ने कहा कि कांग्रेस वोट बैंक के लिए किसी भी हद तक जा सकती है। उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस ने भगवा आतंक की साजिश रची और इसे फैलाना शुरू कर दिया। अदालत ने पाया कि मोटरसाइकिल का कोई सबूत नहीं था और गवाहों ने कहा कि उन्हें प्रताड़ित किया गया था।