मालेगांव विस्फोट मामले में आरोपियों की बरी होने पर फडणवीस का बयान

मुख्यमंत्री फडणवीस का आरोप
मालेगांव विस्फोट मामले में सभी सात आरोपियों को बरी किए जाने के एक दिन बाद, महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कांग्रेस के नेतृत्व वाली यूपीए सरकार पर 'भगवा आतंकवाद' का आरोप लगाने का प्रयास करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि उस समय के अधिकारियों ने हिंदू धार्मिक नेताओं और संगठनों को फंसाने की कोशिश की थी। यह टिप्पणी तब आई जब आतंकवाद निरोधी दस्ते के पूर्व अधिकारी महबूब मुजावर ने 2008 के मालेगांव विस्फोट मामले पर चर्चा की। उन्होंने कहा कि आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत के बयान मुंबई के पूर्व पुलिस आयुक्त परमबीर सिंह के आदेश पर दिए गए थे।
फडणवीस का बयान
देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि 2008 की साजिश अब स्पष्ट हो गई है। उन्होंने आरोप लगाया कि उस समय की सरकार ने वोट बैंक की राजनीति के लिए 'हिंदू आतंकवाद' और 'भगवा आतंकवाद' जैसे शब्दों का इस्तेमाल किया। उन्होंने बताया कि उस समय दुनिया भर में आतंकवादी घटनाएं हो रही थीं और 'इस्लामिक आतंकवाद' चर्चा का विषय था। फडणवीस ने कहा कि वोट बैंक को नाराज़ करने से बचने के लिए, उन्होंने 'हिंदू आतंकवाद' का भ्रम फैलाया और लोगों को गिरफ्तार किया, लेकिन इसके बावजूद कोई ठोस सबूत नहीं मिला।
महबूब मुजावर का बयान
महबूब मुजावर ने कहा कि उन्हें कथित तौर पर इस मामले में आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत को गिरफ्तार करने का निर्देश दिया गया था। वह 2008 के मालेगांव विस्फोट मामले की जांच कर रहे आतंकवाद निरोधी दस्ते का हिस्सा थे। मुजावर ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि उनके बॉस परमबीर सिंह और अन्य अधिकारियों ने उन्हें मोहन भागवत को लाने का आदेश दिया था। उन्होंने कहा कि उन्होंने गलत काम नहीं किया और उन्हें इसकी सजा मिली। मुजावर ने यह भी आरोप लगाया कि इस फैसले ने एक फर्जी अधिकारी द्वारा की गई 'मनगढ़ंत जांच' का पर्दाफाश किया है।