मार्गशीर्ष अमावस्या 2025: तिथि, शुभ मुहूर्त और पूजा विधि की जानकारी
मार्गशार्ष अमावस्या 2025
मार्गशार्ष अमावस्या 2025
मार्गशीर्ष अमावस्या 2025: हिंदू धर्म के अनुसार, साल में 12 अमावस्या और 12 पूर्णिमा होती हैं, जिसमें हर महीने एक अमावस्या और एक पूर्णिमा आती है। अमावस्या का दिन विशेष रूप से महत्वपूर्ण माना जाता है। वर्तमान में मार्गशीर्ष माह चल रहा है, जो हिंदू कैलेंडर का नौवां महीना है। इस माह में मार्गशीर्ष अमावस्या का आयोजन किया जाता है।
इस दिन भगवान विष्णु की पूजा की जाती है। अमावस्या का दिन पितरों के लिए भी महत्वपूर्ण होता है। इस दिन पितरों को प्रसन्न करने के लिए तर्पण, पवित्र नदी में स्नान और दान का महत्व है। धार्मिक मान्यता के अनुसार, मार्गशीर्ष अमावस्या पर पूजा करने से पितृ प्रसन्न होते हैं और परिवार पर आशीर्वाद बनाए रखते हैं। भगवान विष्णु की कृपा से घर में सुख, शांति और समृद्धि बनी रहती है। आइए जानते हैं मार्गशीर्ष अमावस्या की तिथि, शुभ मुहूर्त और पूजा विधि।
मार्गशीर्ष अमावस्या कब है?
मार्गशीर्ष अमावस्या कब है? (Margashirsha Amavasya 2025 Kab Hai)
द्रिक पंचांग के अनुसार, मार्गशीर्ष माह की अमावस्या तिथि 9 नवंबर 2025 को सुबह 9:43 बजे शुरू होगी और इसका समापन 20 नवंबर को दोपहर 12:16 बजे होगा। उदयातिथि के अनुसार, मार्गशीर्ष अमावस्या 20 नवंबर, गुरुवार को मनाई जाएगी।
मार्गशीर्ष अमावस्या की पूजा का मुहूर्त
मार्गशीर्ष अमावस्या की पूजा का मुहूर्त (Margashirsha Amavasya 2025 Puja Muhurat)
इस दिन सूर्योदय सुबह 06:48 बजे होगा। पितरों की पूजा का समय सुबह 11:30 से 12:30 बजे तक रहेगा। भगवान विष्णु की पूजा का मुहूर्त सुबह 05:01 से 05:54 बजे तक है। राहुकाल दोपहर 01:26 से 02:46 बजे तक रहेगा।
मार्गशीर्ष अमावस्या पूजा विधि
मार्गशीर्ष अमावस्या पूजा विधि (Margashirsha Amavasya 2025 Puja Vidhi)
इस दिन सुबह जल्दी उठकर किसी पवित्र नदी में स्नान करना चाहिए। सूर्य देव को जल अर्पित करें और मंत्रों का जाप करें। घर के मंदिर में एक चौकी पर पीला कपड़ा बिछाकर भगवान विष्णु की मूर्ति या तस्वीर स्थापित करें। देसी घी का दीपक जलाएं और भगवान विष्णु को जल, फल, फूल, अक्षत, चंदन, वस्त्र और मिठाई अर्पित करें। विष्णु मंत्रों का जाप करें और विष्णु चालीसा पढ़ें। पितरों का तर्पण करें और उनकी आत्मा की शांति के लिए पूजा करवाएं। पशु-पक्षियों को खाना खिलाएं और गरीबों को दान करें।
