मायावती ने साम्प्रदायिक राजनीति पर चिंता जताई, सख्त कानूनी कार्रवाई की मांग की

मायावती का बयान
बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने रविवार को देश में विभिन्न धर्मों के पूजास्थलों और महापुरुषों के प्रति अनादर को लेकर चिंता व्यक्त की। उन्होंने कहा कि इस तरह के राजनीतिक षड्यंत्रों से माहौल बिगड़ रहा है। मायावती ने सभी सरकारों से अपील की कि वे साम्प्रदायिक और द्वेषपूर्ण राजनीति को छोड़कर ऐसे मामलों में सख्त कानूनी कार्रवाई करें ताकि देश में अमन-चैन स्थापित हो सके।
बसपा प्रमुख ने पार्टी के प्रदेश स्तर की बैठक में कहा कि उत्तर प्रदेश और अन्य राज्यों में धार्मिक स्थलों और उनके संतों का अपमान करने वाले तत्वों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि सभी सरकारों को जातिवाद और साम्प्रदायिकता का त्याग करना चाहिए ताकि लोग शांति से अपने जीवन यापन कर सकें।
राजनीतिक हालात पर चिंता
मायावती ने वर्तमान राजनीतिक, सामाजिक और आर्थिक हालात पर भी चर्चा की। उन्होंने पार्टी के सदस्यों को चेतावनी दी कि विरोधी दल हर संभव तरीके से बसपा और बहुजन आंदोलन को कमजोर करने की कोशिश कर रहे हैं। उनका उद्देश्य दलितों, आदिवासियों और अन्य धार्मिक अल्पसंख्यकों के अधिकारों को छीनना है।
उन्होंने कहा कि यह प्रयास किया जा रहा है कि बहुजन समाज के लोग अपने संवैधानिक अधिकारों से वंचित रह जाएं और उन्हें मजबूर किया जाए।
पार्टी संगठन की समीक्षा
बैठक में मायावती ने पार्टी संगठन के गठन और जनाधार को बढ़ाने के लिए चलाए गए अभियान की समीक्षा की। उन्होंने बताया कि लगभग 80 प्रतिशत लक्ष्य हासिल कर लिया गया है। बाकी कार्य बसपा के संस्थापक कांशीराम की पुण्यतिथि पर आयोजित कार्यक्रम के बाद शुरू होंगे।