मायावती ने अमेरिकी टैरिफ पर उठाई चिंता, केंद्र सरकार से ठोस कदम की मांग

मायावती की आलोचना
बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की नेता मायावती ने रविवार को अमेरिका द्वारा भारतीय उत्पादों पर लगाए गए 50 प्रतिशत टैरिफ की कड़ी निंदा की। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार को ट्रंप टैरिफ के प्रभावों से निपटने के लिए ठोस कदम उठाने की आवश्यकता है।
सरकार को उठाने चाहिए कदम
बैठक के दौरान, मायावती ने कहा कि अमेरिका द्वारा लगाए गए 50 प्रतिशत टैरिफ के कारण उत्पन्न चुनौतियों का सामना करने के लिए सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को जनता के हित में प्रभावी और ठोस कदम उठाने चाहिए।
समस्याओं का बढ़ता खतरा
उन्होंने चेतावनी दी कि यदि ऐसा नहीं किया गया, तो देश की जनता को गरीबी, मुद्रास्फीति, बेरोजगारी, अशिक्षा और पलायन जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ेगा, जिससे देश की प्रतिष्ठा पर भी नकारात्मक प्रभाव पड़ेगा।
प्रधानमंत्री का सकारात्मक आकलन
मायावती की यह टिप्पणी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के उस बयान के एक दिन बाद आई है, जिसमें उन्होंने भारत-अमेरिका संबंधों के सकारात्मक आकलन के लिए राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की प्रशंसा की थी। ट्रंप ने भी दोनों देशों के विशेष संबंधों की सराहना की थी।
टैरिफ से बढ़ा तनाव
ट्रंप द्वारा भारतीय सामानों पर 50 प्रतिशत शुल्क लगाने के निर्णय के बाद दोनों देशों के बीच तनाव बढ़ गया है, जिसमें से 25 प्रतिशत शुल्क रूस से कच्चा तेल खरीदने के संबंध में लगाया गया था।
निर्यातकों की चिंताएं
भारत ने अमेरिकी कार्रवाई को अनुचित और विवेकहीन बताया है। मायावती का यह बयान इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि उत्तर प्रदेश के प्रमुख निर्यात केंद्र अमेरिकी टैरिफ के प्रभाव से प्रभावित हो रहे हैं। निर्यातकों ने रोजगार में कमी, ऑर्डर रुकने और बाजार तक पहुंच में कमी की आशंका जताई है।
उद्यमियों की अपील
नोएडा, कानपुर और वाराणसी के उद्यमियों ने कहा है कि टैरिफ ने उनके वर्षों की मेहनत से बनाए गए बाजार को खतरे में डाल दिया है। भदोही के कालीन निर्यातकों, रामपुर के मेंथा तेल उत्पादकों और मुरादाबाद के पीतल के बर्तनों के निर्यातकों ने भी इसी तरह की चिंताएं व्यक्त की हैं।
विशेष बेलआउट पैकेज की मांग
भदोही सीट से समाजवादी पार्टी के विधायक जाहिद बेग ने प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर जिले के कालीन उद्योग की मदद के लिए हस्तक्षेप करने की मांग की है। उन्होंने पहले उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से भी 30 लाख लोगों को रोजगार देने वाले कालीन उद्योग को बचाने के लिए विशेष बेलआउट पैकेज की मांग की थी।