मायावती ने अखिलेश यादव पर किया तीखा हमला, कांशीराम के परिनिर्वाण दिवस पर सियासी हलचल

कांशीराम के परिनिर्वाण दिवस पर सियासी गतिविधियाँ तेज़
उत्तर प्रदेश में कांशीराम के परिनिर्वाण दिवस से पहले राजनीतिक तापमान बढ़ गया है। समाजवादी पार्टी (सपा) इस अवसर पर एक संगोष्ठी आयोजित करने की योजना बना रही है, जिसे उनके पीडीए (पिछड़ा, दलित, अल्पसंख्यक) वोट बैंक को मजबूत करने की रणनीति के रूप में देखा जा रहा है। इस प्रयास ने बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की प्रमुख मायावती को नाराज कर दिया है। उन्होंने सपा के अध्यक्ष अखिलेश यादव पर तीखा हमला करते हुए उन्हें 'दलित विरोधी' करार दिया। बसपा 9 अक्टूबर को लखनऊ में कांशीराम के परिनिर्वाण दिवस पर एक बड़ी रैली आयोजित करने जा रही है, जिसे 2027 के विधानसभा चुनावों के लिए शक्ति प्रदर्शन के रूप में देखा जा रहा है.
मायावती का अखिलेश पर आरोप
मायावती ने मंगलवार को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक तीखा पोस्ट साझा किया। उन्होंने लिखा, "देश में जातिवादी व्यवस्था से पीड़ित करोड़ों दलित, आदिवासी और पिछड़े वर्गों को शोषित से शासक बनाने के बाबा साहेब डॉ. भीमराव अंबेडकर के मिशन को कांशीराम जी ने नई गति दी। लेकिन सपा और कांग्रेस जैसी पार्टियों का रवैया हमेशा से जातिवादी और द्वेषपूर्ण रहा है।"
कांशीराम के नाम पर संस्थानों का नाम बदलने का आरोप
मायावती ने सपा पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा, "कांशीराम जी ने दलितों और पिछड़ों को सशक्त बनाने के लिए अथक प्रयास किए। उनके सम्मान में बसपा सरकार ने विश्वविद्यालय, कॉलेज, अस्पताल और कई संस्थानों का नाम उनके नाम पर रखा। लेकिन सपा सरकार ने इनमें से ज्यादातर के नाम बदल दिए। यह सपा का दलित विरोधी चेहरा नहीं तो और क्या है?"
सपा और कांग्रेस पर दिखावे का आरोप
मायावती ने सपा और कांग्रेस पर कांशीराम के नाम का उपयोग केवल वोटों के लिए करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा, "जब कांशीराम जी का निधन हुआ, तब पूरा देश और खासकर यूपी शोक में डूबा था। फिर भी सपा सरकार ने एक दिन का राजकीय शोक तक घोषित नहीं किया। कांग्रेस की केंद्र सरकार ने भी राष्ट्रीय शोक की घोषणा नहीं की। इसके बावजूद ये पार्टियां समय-समय पर कांशीराम जी को याद करने का ढोंग करती हैं। यह विशुद्ध दिखावा है।"
सपा और कांग्रेस से सावधान रहने की अपील
मायावती ने लोगों से सपा और कांग्रेस जैसी पार्टियों से सावधान रहने की अपील की। उन्होंने कहा कि ऐसी संकीर्ण सोच वाली पार्टियां सिर्फ वोटों के लिए कांशीराम के नाम का इस्तेमाल करती हैं।