मायावती का दलित राजनीति पर बयान: जातिवादी दलों से सावधान रहने की सलाह
उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में दलित राजनीति पर महत्वपूर्ण बयान दिया। उन्होंने जातिवादी दलों के खिलाफ चेतावनी दी और कहा कि ये संगठन बीएसपी सदस्यों को गुमराह कर रहे हैं। मायावती ने ईवीएम में हेराफेरी का आरोप लगाते हुए बैलेट पेपर से चुनाव कराने की आवश्यकता पर जोर दिया। उनका मानना है कि सत्ता परिवर्तन के साथ यह बदलाव संभव है।
Jun 5, 2025, 13:08 IST
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मायावती का महत्वपूर्ण बयान
उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री और बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की नेता मायावती ने हाल ही में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में दलित राजनीति पर अपने विचार साझा किए। उन्होंने आरोप लगाया कि जातिवादी दलों के प्रभाव में चलने वाले ये स्वार्थी संगठन एक सुनियोजित योजना के तहत निर्दोष बीएसपी सदस्यों को गुमराह कर रहे हैं। मायावती ने कहा कि ये दल अपनी बैठकों में बीएसपी सदस्यों को आमंत्रित करते हैं और कांशीराम तथा उनके नाम का उल्लेख करते हुए दावा करते हैं कि वे उनके मिशन को आगे बढ़ा रहे हैं।
मायावती ने आगे कहा कि यदि इन दलों की बातों में कोई सच्चाई होती, तो वे विपक्षी दलों के साथ नहीं जुड़ते। इसके बजाय, उन्हें बीएसपी को मजबूत करने के लिए खुद को पार्टी से जोड़ना चाहिए था। उन्होंने दलितों और उपेक्षित वर्गों को इन जातिवादी दलों से सतर्क रहने की सलाह दी, ताकि बीएसपी को कमजोर करने की उनकी कोशिशें सफल न हों। मायावती ने यह भी कहा कि ये दल बीएसपी उम्मीदवारों को चुनाव में जीतने से रोकने के लिए ईवीएम में हेराफेरी कर रहे हैं।
पूर्व मुख्यमंत्री ने यह भी बताया कि कई विपक्षी दलों के साथ उनकी पार्टी भी चाहती है कि देश में सभी चुनाव बैलेट पेपर के माध्यम से कराए जाएं। हालांकि, मौजूदा सरकार के तहत ऐसा संभव नहीं लगता, लेकिन सत्ता परिवर्तन के साथ यह बदलाव संभव हो सकता है। उन्होंने पार्टी के सदस्यों को इस संभावना पर निराश नहीं होने की सलाह दी। वर्तमान राजनीतिक परिदृश्य को देखते हुए ईवीएम प्रणाली में बदलाव की उम्मीद जताई। यदि बैलेट पेपर का पुनः उपयोग किया गया, तो बीएसपी के अच्छे दिन लौट सकते हैं।