माघ मेला 2026: प्रयागराज में धार्मिक महत्व और आयोजन की जानकारी

माघ मेला 2026 का आयोजन हर साल प्रयागराज में होता है, जहाँ गंगा, यमुना और अदृश्य सरस्वती का संगम होता है। यह धार्मिक और आध्यात्मिक महत्व का एक बड़ा अवसर है, जहाँ श्रद्धालु स्नान, दान और साधना करते हैं। जानें इस मेले की तिथियाँ और इसके आयोजन के पीछे के कारण।
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माघ मेला 2026: प्रयागराज में धार्मिक महत्व और आयोजन की जानकारी

माघ मेला 2026

माघ मेला 2026: प्रयागराज में धार्मिक महत्व और आयोजन की जानकारी

माघ मेला 2026

माघ मेला 2026: हिंदू धर्म के शास्त्रों में माघ मेले का गहरा धार्मिक और आध्यात्मिक महत्व है। हर वर्ष माघ माह में उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में त्रिवेणी संगम के पवित्र तट पर माघ मेला आयोजित होता है। इस दौरान बड़ी संख्या में श्रद्धालु संगम में स्नान, दान और धार्मिक अनुष्ठान करते हैं, जिससे उन्हें पुण्य की प्राप्ति होती है।

प्रयागराज में माघ मेले का आयोजन विशेष रूप से किया जाता है, और इसके पीछे कई कारण हैं। आइए, जानते हैं इसके बारे में।

प्रयागराज में गंगा, यमुना और सरस्वती का संगम

माघ मेला विश्व का सबसे प्राचीन और विशाल वार्षिक आध्यात्मिक आयोजन है। प्रयागराज की पवित्र भूमि पर गंगा, यमुना और अदृश्य सरस्वती का संगम होता है। यही कारण है कि इसे तीर्थों का राजा कहा जाता है। धार्मिक मान्यता के अनुसार, माघ मेले में संगम में स्नान करने से सभी पाप समाप्त हो जाते हैं। इस मेले में साधु-संत और श्रद्धालु तप, दान और साधना करते हैं।

प्रयाग में माघ मेला क्यों आयोजित होता है?

माघ मेला प्रयागराज की आध्यात्मिक परंपरा का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। यह संगम स्नान का वार्षिक पुण्य अवसर है और साधना, तप और दान का सर्वोत्तम समय माना जाता है। धार्मिक ग्रंथों के अनुसार, माघ माह में गंगा स्नान से मोक्ष की प्राप्ति होती है। इस दौरान किए गए कार्यों का फल कई गुना बढ़ जाता है।

माघ मेला 2026 की तिथियाँ

धार्मिक पंचांग के अनुसार, माघ मेला 2026 की शुरुआत पौष पूर्णिमा से होगी और इसका समापन महाशिवरात्रि पर होगा।
माघ मेले की शुरुआत: 3 जनवरी 2026 (पौष पूर्णिमा)
माघ मेले का समापन: 15 फरवरी 2026 (महाशिवरात्रि)

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