माखनलाल चतुर्वेदी विश्वविद्यालय में सत्रारंभ समारोह का आयोजन

मुख्यमंत्री का संबोधन
भोपाल में आयोजित सत्रारंभ समारोह में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता विश्वविद्यालय ने पिछले 35 वर्षों में राष्ट्रीय स्तर पर अपनी पहचान बनाई है। यहां से शिक्षा प्राप्त पत्रकारों ने मीडिया में मानक स्थापित किए हैं। यह समारोह विश्वविद्यालय के अकादमिक सत्र 2025-2026 के लिए आयोजित किया गया था, जिसमें प्रमुख अतिथि के रूप में डॉ. यादव ने भाग लिया। इस अवसर पर प्रसिद्ध कवि डॉ. कुमार विश्वास, कुलगुरु विजय मनोहर तिवारी, मंत्री कृष्णा गौर, मेयर मालती राय, विधायक भगवान दास सबनानी, रामेश्वर शर्मा, उमाकांत शर्मा, और जनसम्पर्क आयुक्त डॉ. सुदाम खाडे़ भी उपस्थित थे। उन्होंने दादा माखनलाल चतुर्वेदी की 12 फीट ऊंची प्रतिमा का अनावरण किया और पौधरोपण भी किया।
पत्रकारों की भूमिका पर चर्चा
मुख्यमंत्री ने पत्रकारों की समाज में महत्वपूर्ण भूमिका पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि देवर्षि नारद जैसे पत्रकारों के कार्यों से यह स्पष्ट होता है कि यदि पत्रकारिता में लोककल्याण का भाव होगा, तो यह और बेहतर होगी। उन्होंने रामायण काल में हनुमानजी को एक खोजी पत्रकार के रूप में महत्वपूर्ण बताया। डॉ. यादव ने कहा कि इस विश्वविद्यालय की साख पूरे देश में है और यह परंपरा आज भी जीवित है।
डॉ. कुमार विश्वास का संदेश
कार्यक्रम के मुख्य वक्ता डॉ. कुमार विश्वास ने नवागत विद्यार्थियों को चुनौतीपूर्ण पेशे में प्रवेश करने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने कहा कि समाज आज भी छपे और बोले गए शब्दों पर भरोसा करता है, और इसे बनाए रखना पत्रकारिता की नई पीढ़ी की जिम्मेदारी है। उन्होंने पिछले 10-11 वर्षों में पत्रकारिता में आए बदलावों पर भी चर्चा की।
सॉफ्ट स्किल्स और तकनीकी बदलाव
सत्रारंभ के पहले दिन, वरिष्ठ संपादक एन. रघुरामन ने सॉफ्ट स्किल्स के महत्व पर बात की। उन्होंने कहा कि जीवन के हर क्षेत्र में सफल होने के लिए लोगों से व्यवहार करने का कौशल आवश्यक है। इसके बाद, वरिष्ठ फिल्मकार आशीष कुलकर्णी ने एआई के दौर में तकनीकी बदलावों पर चर्चा की। उन्होंने बताया कि आने वाले समय में मीडिया में वीडियो और क्षेत्रीय कंटेंट का योगदान बढ़ेगा।
कुलगुरु का संदेश
कुलगुरु विजय मनोहर तिवारी ने नवागंतुक विद्यार्थियों को निरंतर अध्ययन करने और अपने अभिभावकों की अपेक्षाओं पर खरा उतरने का प्रयास करने की सलाह दी। उन्होंने बताया कि विश्वविद्यालय जल्द ही एआई, डीप फेक और साइबर सुरक्षा जैसे नए विषयों पर पाठ्यक्रम शुरू करेगा।
कुमार विश्वास के विचार
- देश में आज भी छपे और बोले गए शब्दों पर लोगों का भरोसा कायम है। इसलिए पत्रकारिता की विश्वसनीयता सबसे बड़ा सवाल है। इसके लिए जिंदगी लगा दें।
- यह कहना सबसे बड़ा झूठ है कि हम जनता की पसंद का कंटेंट देते हैं। लोकरूचि के नियामक हम हैं।
- विचार और पत्रकारिता के बीच का अंतर नारद बताते हैं।
- हमें आज भी लगता है कि जो कुछ अच्छा है वह पश्चिम से आया है। अब अंदर झांकने का समय है।
- पत्रकारिता में तटस्थता जरूरी है।
- अच्छे पत्रकार बनने के लिए कम से कम तीन साल प्रिंट मीडिया में लगाएं।