महिलाओं में हृदय रोग: लक्षण और रोकथाम के उपाय

महिलाओं में हृदय रोग के लक्षण अक्सर स्पष्ट नहीं होते, जिससे समय पर पहचान में कठिनाई होती है। हर तीन में से एक महिला हृदय रोग के कारण अपनी जान गंवा देती है। जागरूकता की कमी और अस्वस्थ जीवनशैली इस समस्या को बढ़ाती है। नियमित स्वास्थ्य जांच और सही खानपान से इस बीमारी की रोकथाम संभव है। जानें कैसे महिलाएं अपने हृदय स्वास्थ्य का ध्यान रख सकती हैं।
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महिलाओं में हृदय रोग: लक्षण और रोकथाम के उपाय

महिलाओं में हृदय रोग के लक्षण

नई दिल्ली: दिल की बीमारियों के संकेत महिलाओं में उतने स्पष्ट नहीं होते जितने कि पुरुषों में। इसका अर्थ यह है कि जब पुरुषों को दिल की समस्याएं होती हैं, तो उन्हें एनजाइना जैसे स्पष्ट लक्षण दिखाई देते हैं, जिन्हें आसानी से पहचाना जा सकता है। इसके विपरीत, महिलाओं में यह समस्या बिना किसी लक्षण के विकसित हो सकती है। जब तक बीमारी का पता चलता है, तब तक यह इतनी गंभीर हो जाती है कि हर तीन में से एक महिला हृदय रोग के कारण अपनी जान गंवा देती है।


महिलाओं में सीवीडी की रोकथाम

महिलाओं में कार्डियोवेस्कुलर डिजीज (सीवीडी) के प्रति जागरूकता की कमी है। अस्वस्थ खानपान और जीवनशैली के कारण इस बीमारी का खतरा बढ़ता है। अक्सर महिलाएं तनाव का अनुभव करती हैं, लेकिन उनके आसपास के लोग इस पर ध्यान नहीं देते। इसके परिणामस्वरूप, महिलाओं में सीवीडी का खतरा पुरुषों की तुलना में अधिक होता है। तनाव के अलावा, आहार की गुणवत्ता और मात्रा भी महत्वपूर्ण हैं। जिन महिलाओं को पॉलीसिस्टिक ओवेरियन सिंड्रोम (पीसीओएस), प्रीक्लेम्पसिया, गर्भावस्था के दौरान उच्च रक्तचाप और शुगर जैसी समस्याएं होती हैं, उन्हें हृदय स्वास्थ्य के प्रति सजग रहना चाहिए।


नियमित स्वास्थ्य जांच का महत्व

महिलाओं को अपने हृदय स्वास्थ्य की नियमित जांच करानी चाहिए। चाहे लक्षण स्पष्ट हों या न हों, जोखिम का आकलन करने के लिए स्वास्थ्य जांच आवश्यक है। यदि समय पर बीमारी का पता चल जाए, तो महिलाओं में सीवीडी की रोकथाम बेहतर हो सकती है। जब हृदय से जुड़ी समस्याओं का पता लगाना कठिन हो, तो महिलाओं को अपनी डाइट और जीवनशैली को सुधारना चाहिए। उन्हें अपने आहार में फल, सब्जियां और फाइबर युक्त खाद्य पदार्थ शामिल करने चाहिए और तनाव से दूर रहना चाहिए।