महिला सशक्तिकरण के लिए नई चेतना 4.0 अभियान का शुभारंभ

केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने नई दिल्ली में महिला सशक्तिकरण और लैंगिक समानता के लिए राष्ट्रीय अभियान नई चेतना 4.0 का उद्घाटन किया। इस अभियान का उद्देश्य ग्रामीण महिलाओं को सशक्त बनाना और उन्हें आर्थिक स्वतंत्रता प्रदान करना है। कार्यक्रम में कई केंद्रीय मंत्रियों ने भाग लिया और महिला सुरक्षा के लिए विभिन्न मंत्रालयों के बीच समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए। यह अभियान 2025 तक सभी राज्यों में चलेगा और महिलाओं की सामूहिक शक्ति को एक मजबूत आंदोलन में बदलने का प्रयास करेगा।
 | 
महिला सशक्तिकरण के लिए नई चेतना 4.0 अभियान का शुभारंभ

महिला सशक्तिकरण पर राष्ट्रीय अभियान का आगाज़

केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बुधवार को नई दिल्ली में सुषमा स्वराज भवन में लैंगिक समानता और महिला सशक्तिकरण के लिए राष्ट्रीय अभियान, नई चेतना 4.0 का उद्घाटन किया। अपने संबोधन में, चौहान ने प्रधानमंत्री के इस संकल्प की पुष्टि की कि कोई भी बहन गरीबी में न रहे, कोई भी महिला आँसुओं के साथ न रहे और हर बहन लखपति दीदी के रूप में सम्मान, आत्मविश्वास और समृद्धि प्राप्त करे। उन्होंने बताया कि अब तक दो करोड़ से अधिक स्वयं सहायता समूहों की महिलाएँ लखपति दीदी बन चुकी हैं। उन्होंने कहा कि सरकार महिला सशक्तिकरण को मजबूत करने और ग्रामीण महिलाओं के लिए अवसरों का विस्तार करने के लिए लगातार प्रयास कर रही है।


कार्यक्रम में उपस्थित गणमान्य व्यक्ति

इस कार्यक्रम में केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री अन्नपूर्णा देवी, ग्रामीण विकास एवं संचार राज्य मंत्री डॉ. चंद्रशेखर पेम्मासानी और ग्रामीण विकास राज्य मंत्री कमलेश पासवान भी शामिल हुए। इस अवसर पर ग्यारह मंत्रालयों द्वारा हस्ताक्षरित एक अंतर-मंत्रालयी संयुक्त परामर्शी का अनावरण किया गया, जो लिंग आधारित भेदभाव और हिंसा को समाप्त करने के लिए सभी मंत्रालयों की शक्ति का लाभ उठाने का प्रयास करता है।


महिला सुरक्षा और सशक्तिकरण के लिए समझौता ज्ञापन

अन्नपूर्णा देवी ने बताया कि महिला एवं बाल विकास मंत्रालय, विधि एवं न्याय मंत्रालय और ग्रामीण विकास मंत्रालय के बीच एक त्रिपक्षीय समझौता ज्ञापन, हिंसा मुक्त ग्राम पहल के अंतर्गत आदर्श ग्रामों के विकास को बढ़ावा देगा, जिससे ग्रामीण भारत में महिलाओं के लिए सुरक्षा और सशक्तिकरण के अवसर सुनिश्चित होंगे।


अभियान की अवधि और उद्देश्य

यह अभियान, जो दीनदयाल अंत्योदय योजना - राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (डीएवाई-एनआरएलएम) द्वारा आयोजित किया जा रहा है, 23 दिसंबर 2025 तक सभी भारतीय राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में चलेगा। यह पहल स्वयं सहायता समूहों के व्यापक नेटवर्क के नेतृत्व में एक जन आंदोलन की भावना का प्रतीक है।


महिलाओं की सामूहिक शक्ति का महत्व

डॉ. चंद्रशेखर पेम्मासानी ने कहा कि स्वयं सहायता समूहों के माध्यम से संगठित 10 करोड़ ग्रामीण महिलाओं की सामूहिक शक्ति ने "नई चेतना" को एक मजबूत आंदोलन में बदल दिया है। यह अभियान महिलाओं को समय पर सहायता प्राप्त करने के लिए सशक्त बनाता है और उन्हें अपनी बात कहने के लिए प्रेरित करता है। कमलेश पासवान ने शिक्षा की भूमिका पर जोर दिया, जो व्यक्तियों और समुदायों को बाधाओं को तोड़ने में मदद करती है।