महिला को प्रेग्नेंसी के कारण नौकरी से निकाले जाने पर मिला बड़ा मुआवजा

एक बर्मिंघम की महिला को प्रेग्नेंसी के दौरान वर्क फ्रॉम होम की मांग करने पर नौकरी से निकाल दिया गया। इस मामले में यूके एंप्लॉयमेंट ट्रिब्यूनिल ने उसे 93,000 यूरो का मुआवजा दिया। जानें इस विवादास्पद मामले की पूरी कहानी और कैसे सोशल मीडिया पर इसे लेकर चर्चा हो रही है।
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महिला को प्रेग्नेंसी के कारण नौकरी से निकाले जाने पर मिला बड़ा मुआवजा

बर्मिंघम में नौकरी से निकाले जाने का मामला

महिला को प्रेग्नेंसी के कारण नौकरी से निकाले जाने पर मिला बड़ा मुआवजा


एक प्राइवेट कंपनी में काम करने वाली महिला को बर्मिंघम, यूके में केवल इसलिए नौकरी से निकाल दिया गया क्योंकि उसने प्रेग्नेंसी के दौरान घर से काम करने की अनुमति मांगी थी। उसके लाइन मैनेजर ने उसे एक टेक्स्ट मैसेज भेजा जिसमें उसने 'जैज हैंड' इमोजी का इस्तेमाल किया। इस मामले में यूके एंप्लॉयमेंट ट्रिब्यूनिल ने महिला को 93,000 यूरो (लगभग एक करोड़ रुपये) का मुआवजा दिया।


मैसेज का संदर्भ

महिला, मिलुस्का, को कबीर नामक अपने मैनेजर से एक मैसेज मिला था जिसमें कहा गया था कि कंपनी उसकी अनुपस्थिति के कारण काम में पिछड़ रही है। कबीर ने लिखा था कि वह उम्मीद करता है कि वह जल्द ही उससे मिलेगी।


मैसेज में कबीर ने लिखा, 'मुझे उम्मीद है कि जल्द ही आपसे मुलाकात होगी, हमें काम के अलावा भी बहुत कुछ कर सकते हैं।' इस मैसेज में उसने हंसने वाले चेहरे के साथ हाथ वाली इमोजी का भी इस्तेमाल किया।


वर्क फ्रॉम होम की मांग

मिलुस्का ने प्रेग्नेंसी के कारण गंभीर मॉर्निंग सिकनेस का सामना किया और इसलिए उसने अपने मैनेजर से घर से काम करने की अनुमति मांगी। उसने कबीर को बताया कि उसकी मिडवाइफ चाहती है कि वह अगले दो दिनों तक घर से काम करे।


कबीर और मिलुस्का के बीच 26 नवंबर तक कोई संपर्क नहीं हुआ, लेकिन उस दिन कबीर ने पूछा कि वह कैसी महसूस कर रही है। मिलुस्का ने उसे बताया कि वह बहुत खराब महसूस कर रही है।


निकालने का संदेश

1 दिसंबर को कबीर ने मिलुस्का को एक टेक्स्ट भेजा जिसमें उसने लिखा कि ऑफिस में किसी को ढूंढने की आवश्यकता है क्योंकि काम में देरी हो रही है। उसने यह भी कहा कि वह आशा करता है कि मिलुस्का इसे व्यक्तिगत रूप से नहीं लेगी।


कबीर ने आगे लिखा, 'जब आप बेहतर महसूस करें तो बस मुझे संदेश भेजें। आपसे मिलने की उम्मीद है। हमें काम के अलावा भी बहुत कुछ करना है।' इस मैसेज को देखकर मिलुस्का को झटका लगा।


जज का निर्णय

मिलुस्का ने जज को बताया कि उसने प्रेग्नेंसी से संबंधित समस्याओं के बावजूद अपनी पूरी क्षमता से काम किया। कबीर ने यह दावा किया कि उसका मैसेज नौकरी से निकाले जाने का संकेत नहीं था, लेकिन मिलुस्का को 1 दिसंबर से वेतन नहीं मिला।


जज ने फैसला सुनाते हुए कहा कि कबीर का मैसेज यह दर्शाता है कि एंप्लॉयमेंट रिलेशनशिप समाप्त हो रहा है। जज ने यह भी कहा कि प्रेग्नेंसी के कारण मिलुस्का को निकालना गलत था, जिसके चलते उसे £93,616.74 का मुआवजा मिला।


सोशल मीडिया पर समर्थन

इस मामले की खबर सोशल मीडिया पर तेजी से फैल रही है और यूजर्स मिलुस्का का समर्थन कर रहे हैं।