महिला की सुरक्षा सुनिश्चित करने का आदेश, उत्तराखंड उच्च न्यायालय का निर्देश
महिला की सुरक्षा के लिए न्यायालय का आदेश
उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने रुड़की के गंगनहर थाना प्रभारी को एक महिला की सुरक्षा सुनिश्चित करने का आदेश दिया है, जिसने अपने भाई से जान-माल का खतरा होने का आरोप लगाया है।
न्यायालय ने दोनों पक्षों को आपसी समझौते के प्रयास के लिए 15 नवंबर को सुबह 11 बजे रुड़की में सुलह केंद्र में उपस्थित होने का निर्देश भी दिया। मुख्य न्यायाधीश जी. नरेंद्र और न्यायमूर्ति सुभाष उपाध्याय की खंडपीठ ने रुड़की की निवासी यामीन द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए यह आदेश जारी किया।
याचिका में यामीन ने बताया कि तीन साल पहले उसके पति का निधन हो गया था और तब से वह अपने माता-पिता के घर पर रह रही है। उसने आरोप लगाया कि उसका भाई उसकी संपत्ति हड़पने की कोशिश कर रहा है, उसके साथ अक्सर विवाद करता है और हाल ही में उसने उस पर हमला कर दिया, जिससे उसे सात जगह चोटें आईं।
याचिकाकर्ता ने यह भी कहा कि उसकी शिकायत के बावजूद स्थानीय पुलिस ने उसकी रिपोर्ट दर्ज नहीं की। न्याय और सुरक्षा की मांग करते हुए यामीन ने उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया।
खंडपीठ ने कहा कि यह मामला पारिवारिक विवाद का प्रतीत होता है, इसलिए उसने दोनों पक्षों को सुलह की प्रक्रिया में भाग लेने का निर्देश दिया। इस बीच, गंगनहर पुलिस थाने के प्रभारी को यह सुनिश्चित करने की जिम्मेदारी दी गई है कि इस अवधि के दौरान महिला या उसकी संपत्ति को कोई नुकसान न पहुंचे।
