महिला की कहानी: बच्चों की स्वास्थ्य समस्याओं को नजरअंदाज करने का खतरनाक परिणाम

बच्चों की स्वास्थ्य समस्याओं को गंभीरता से लें
बच्चों की समस्याओं को हल्के में लेना कभी-कभी गंभीर परिणाम दे सकता है, जैसा कि एक महिला के साथ हुआ। उनके 12 वर्षीय बेटे को लगातार दर्द हो रहा था, और वह अपनी मां को बार-बार इसके बारे में बता रहा था।
महिला ने उसे अस्पताल ले जाया, लेकिन डॉक्टरों ने कहा कि बच्चा केवल बहाने बना रहा है और उसे अस्पताल से छुट्टी दे दी। कुछ समय बाद, वह एक दुर्लभ बीमारी के कारण लकवाग्रस्त हो गया। अब उसकी मां सभी से अपील कर रही हैं कि ऐसे लक्षणों को नजरअंदाज न करें और दुर्लभ स्थितियों के लिए परीक्षण अवश्य कराएं। यह कहानी हर माता-पिता के लिए एक महत्वपूर्ण सबक है।
मेलबर्न की जेसिका बाय ने बताया कि उनके बेटे मेसेन को कई दिनों से तेज दर्द हो रहा था। शुरुआत में उन्हें लगा कि यह दौड़ने के कारण हो रहा है, लेकिन दो दिन बाद दर्द इतना बढ़ गया कि मेसेन ने खाना भी छोड़ दिया।
एक डॉक्टर ने कहा कि यह डिहाइड्रेशन के कारण हो सकता है, लेकिन जब दर्द बढ़ता गया, तो जेसिका ने उसे अस्पताल ले जाने का निर्णय लिया। डॉक्टरों ने उसे बहानेबाज बताया और केवल ब्लड टेस्ट करके घर भेज दिया। अगले दिन मेसेन गिर गया, और फिर से दूसरे अस्पताल में ले जाया गया।
डॉक्टरों ने कहा कि दर्द वायरल मायोसिटिस के कारण हो सकता है, लेकिन जेसिका ने गुइलेन-बैरे सिंड्रोम (जीबीएस) की जांच करने की सलाह दी। लेकिन डॉक्टरों ने उनकी बात नहीं मानी और बच्चे को घर भेज दिया। कुछ समय बाद, मेसेन लकवाग्रस्त हो गया।
बाद में, डॉक्टरों ने एमआरआई स्कैन किया और पता चला कि वह गुइलेन-बैरे सिंड्रोम से ग्रसित है। यह एक दुर्लभ बीमारी है, जिसमें मांसपेशियों में कमजोरी और नसों में सूजन होती है, जिससे पैरालिसिस हो सकता है। समय पर पहचान होने पर भी ठीक होने में छह से 12 महीने लग सकते हैं।