महिला का टिकट दिखाने पर टीटीई से विवाद, वीडियो हुआ वायरल

महिला का ट्रेन में हंगामा

महिला की हुई ट्रेन में लड़ाई Image Credit source: Social Media
सोशल मीडिया पर एक वीडियो तेजी से फैल रहा है, जिसमें एक महिला ट्रेन में हंगामा करती नजर आ रही हैं। जानकारी के अनुसार, जब टीटीई ने उनसे टिकट दिखाने के लिए कहा, तो वे भड़क गईं और जोर से चिल्लाने लगीं। वीडियो में महिला खुद को एक लोको पायलट की पत्नी बताती हैं और आत्मविश्वास से कहती हैं कि वीडियो बनाएं और रेल मंत्री को भेजें, उन्हें किसी से डर नहीं लगता। उनकी आवाज़ ऊँची होती जाती है और अन्य यात्री भी हैरान रह जाते हैं।
टीटीई बार-बार उन्हें समझाने की कोशिश करता है, लेकिन महिला अपनी बात पर अड़ी रहती हैं। वह कहती हैं कि जब तक बच्चे को बर्थ नहीं मिलेगा, वे नहीं जाएंगे। हालांकि, बच्चे को लेकर उनका असली मुद्दा स्पष्ट नहीं हो पाया। स्थिति तब और बिगड़ जाती है जब महिला गुस्से में बोतल उठाकर टीटीई की तरफ फेंकने की कोशिश करती हैं। वह धमकी देती हैं कि यहीं तुम्हारा सिर फोड़ देंगे। आप रेलवे के स्टाफ हैं और स्टाफ की पत्नी के साथ ऐसा बर्ताव कर रहे हैं!
महिला का क्या कहना था?
महिला के बच्चे बीच-बचाव करने की कोशिश करते हैं और उन्हें शांत रहने के लिए कहते हैं, लेकिन वह उनकी बात नहीं सुनतीं। उल्टा टीटीई से कहती हैं कि आप यहां से जाइए, मेरे पति का नंबर लीजिए। वीडियो में टीटीई संयमित और शांत रहते हैं, वह धीरे से कहते हैं कि आप धीरे बात कीजिए, लेकिन महिला लगातार चीखती रहती हैं। अन्य यात्री भी उन्हें समझाने की कोशिश करते हैं, लेकिन माहौल और तनावपूर्ण हो जाता है।
यह वीडियो सोशल मीडिया पर आते ही चर्चा का विषय बन गया। कई यूजर्स ने महिला के व्यवहार की आलोचना की और इसे अहंकार और विशेषाधिकार की मानसिकता बताया। एक यूजर ने लिखा कि टिकट लेने में इतनी परेशानी क्यों? इतना घमंड और झगड़ा! महिला को अपना वीडियो देखना चाहिए, शायद तब उन्हें अपनी हरकत पर शर्म आए।
लोगों की प्रतिक्रियाएँ
दूसरे ने कहा कि ऐसा व्यवहार कोई नई बात नहीं है। जिनके पास अधिक अधिकार होते हैं, वे उतना ही दिखावा करते हैं। महिला पढ़ी-लिखी और संपन्न लग रही हैं, जिन्हें टिकट नियमों की जानकारी होनी चाहिए। फिर भी उन्हें किसी की परवाह नहीं है। मौके पर जुर्माना लगाना ही सबसे सही कदम होगा।
कई यूज़र्स ने यह भी लिखा कि टीटीई ने बहुत पेशेवर और धैर्यपूर्वक स्थिति को संभाला, वरना मामला और बिगड़ सकता था। इस घटना ने एक बार फिर यह सवाल खड़ा कर दिया है कि कुछ लोग नियमों को खुद से ऊपर क्यों नहीं मानते। ट्रेन में सफर करने वाले हर यात्री पर समान नियम लागू होते हैं — चाहे वह किसी रेलवे कर्मचारी का परिवार हो या आम नागरिक.