महाराष्ट्र सरकार ने आपातकाल के दौरान जेल गए कार्यकर्ताओं के लिए मानदेय बढ़ाया

महाराष्ट्र सरकार ने 1975 के आपातकाल के दौरान जेल गए कार्यकर्ताओं के लिए मासिक मानदेय में वृद्धि की है। अब, जो नेता एक महीने से अधिक समय तक जेल में रहे, उन्हें 20,000 रुपये मिलेंगे, जबकि उनके जीवनसाथी को 10,000 रुपये दिए जाएंगे। योजना का लाभ उठाने के लिए आवेदन प्रक्रिया भी निर्धारित की गई है। यह कदम कार्यकर्ताओं और उनके परिवारों को वित्तीय सहायता प्रदान करने के उद्देश्य से उठाया गया है।
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महाराष्ट्र सरकार ने आपातकाल के दौरान जेल गए कार्यकर्ताओं के लिए मानदेय बढ़ाया

आपातकाल के नायकों के लिए नई योजना

महाराष्ट्र सरकार ने 1975 के आपातकाल के दौरान लोकतंत्र की रक्षा के लिए जेल गए नेताओं, कार्यकर्ताओं और सामाजिक कार्यकर्ताओं के लिए एक महत्वपूर्ण निर्णय लिया है। मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस की अध्यक्षता में हुई राज्य कैबिनेट की बैठक में इन लोकतंत्र सेनानियों के मासिक मानदेय में वृद्धि को मंजूरी दी गई है। अब उनके जीवित जीवनसाथी को भी यह मानदेय मिलेगा।


मानदेय की नई दरें

नई योजना के तहत, जो नेता आपातकाल के दौरान एक महीने से अधिक समय तक जेल में रहे, उन्हें अब हर महीने 20,000 रुपये मिलेंगे। उनके जीवित जीवनसाथी को 10,000 रुपये प्रति माह मिलेंगे। वहीं, जो सेनानी एक महीने से कम समय तक जेल में रहे, उन्हें 10,000 रुपये और उनके जीवनसाथी को 5,000 रुपये प्रति माह दिए जाएंगे।


आवेदन प्रक्रिया

इस योजना का लाभ उठाने के लिए, जीवनसाथी को संबंधित जिला मजिस्ट्रेट कार्यालय में आवेदन करना होगा। यदि आपातकाल के दौरान जेल गए व्यक्ति की मृत्यु 2 जनवरी 2018 से पहले हो गई है, तो उनके जीवनसाथी को एक हलफनामे के साथ आवेदन करने का विकल्प दिया गया है।


योजना का इतिहास

राज्य सरकार ने 2018 में कार्यकर्ताओं को सम्मानित करने के लिए मासिक मानदेय देने की योजना शुरू की थी। अब इस योजना को बढ़ाया गया है ताकि इन सेनानियों और उनके परिवारों को अधिक वित्तीय सहायता मिल सके। यह योजना पहली बार जनवरी 2018 में शुरू की गई थी, लेकिन जुलाई 2020 में उद्धव ठाकरे सरकार ने COVID-19 के कारण राजस्व संकट का हवाला देते हुए इसे रोक दिया था। उस समय, सामान्य प्रशासन विभाग ने कहा था कि इस भत्ते को वित्तीय संकट के कारण बंद किया जाएगा, जिससे राज्य को लगभग 25-42 करोड़ रुपये की वार्षिक बचत होगी।