महाराष्ट्र सरकार ने अधिकारियों के लिए नए संवाद दिशानिर्देश जारी किए
नए दिशानिर्देशों का उद्देश्य
महाराष्ट्र सरकार ने अपने सभी अधिकारियों और कर्मचारियों के लिए नए दिशा-निर्देश जारी किए हैं, जिनमें सांसदों और विधायकों के साथ संवाद के लिए स्पष्ट प्रोटोकॉल शामिल हैं। अब अधिकारियों को निर्वाचित प्रतिनिधियों के साथ बैठकों में सम्मानजनक और विनम्र व्यवहार बनाए रखना अनिवार्य होगा।
इन नए निर्देशों के अनुसार, जब सांसद या विधायक कार्यालय में आएंगे, तो अधिकारियों को खड़े होकर उनका अभिवादन करना होगा। सरकार ने इसे राज्य कर्मचारियों के लिए "आचरण और शिष्टाचार का न्यूनतम मानक" बताया है।
बैठकों और संवाद का प्रोटोकॉल
दिशानिर्देशों में यह भी उल्लेख किया गया है कि अधिकारियों को सांसदों और विधायकों के साथ टेलीफोन पर बातचीत के दौरान विनम्र और पेशेवर भाषा का उपयोग करना चाहिए। किसी भी प्रकार की अशिष्टता या अपमानजनक व्यवहार को सख्ती से वर्जित किया गया है।
सभी विभागों को सांसदों और विधायकों से प्राप्त पत्राचार के लिए एक अलग रजिस्टर रखने का निर्देश दिया गया है, चाहे वह डिजिटल हो या भौतिक। अधिकारियों को दो महीने के भीतर जवाब देना होगा, और यदि वे समय सीमा के भीतर जवाब नहीं दे पाते हैं, तो विभाग प्रमुख को लिखित स्पष्टीकरण देना होगा।
विशेष बैठकें और जानकारी का आदान-प्रदान
अधिकारियों को हर महीने के पहले और तीसरे गुरुवार को सांसदों और विधायकों के साथ विशेष बैठकें आयोजित करने के लिए दो घंटे आवंटित करने का निर्देश दिया गया है। इसके अलावा, यदि आवश्यक हो, तो प्रतिनिधि अन्य महत्वपूर्ण मामलों के लिए भी अधिकारियों से मिल सकते हैं।
सरकारी और अर्ध-सरकारी कार्यक्रमों में निर्वाचित प्रतिनिधियों को आमंत्रित करना अनिवार्य किया गया है, और उनके नाम, पदनाम और प्रोटोकॉल-आधारित बैठने की व्यवस्था का सम्मान किया जाना चाहिए।
सूचना का अधिकार और प्रशिक्षण
जहाँ भी सूचना का अधिकार (आरटीआई) अधिनियम लागू होता है, वहां विभागों को सांसदों और विधायकों को निःशुल्क सार्वजनिक जानकारी प्रदान करनी चाहिए। इसके साथ ही, सरकारी वेबसाइटों को नियमित रूप से अपडेट करने का भी निर्देश दिया गया है।
सभी सरकारी प्रशिक्षण संस्थानों को नए और कार्यरत अधिकारियों के लिए निर्वाचित प्रतिनिधियों के साथ संवाद के लिए संचार, शिष्टाचार और प्रोटोकॉल पर मॉड्यूल प्रदान करना आवश्यक होगा।
