महाराष्ट्र विधानसभा में भाजपा और एनसीपी नेताओं के बीच झड़प, सुरक्षा पर उठे सवाल

महाराष्ट्र विधानसभा के बाहर भाजपा विधायक गोपीचंद पडलकर और एनसीपी नेता जितेंद्र आव्हाड के समर्थकों के बीच झड़प हुई, जो एक बहस के बाद गंभीर रूप ले ली। मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने इस स्थिति पर चिंता जताई और उचित जांच की आवश्यकता बताई। जितेंद्र आव्हाड ने हमलावरों के खिलाफ आरोप लगाए और विधानसभा में सुरक्षा पर सवाल उठाए। इस घटना ने राजनीतिक तनाव को और बढ़ा दिया है।
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महाराष्ट्र विधानसभा में भाजपा और एनसीपी नेताओं के बीच झड़प, सुरक्षा पर उठे सवाल

विधानसभा परिसर में हुई झड़प

महाराष्ट्र विधानसभा के बाहर भाजपा विधायक गोपीचंद पडलकर और एनसीपी-एससीपी नेता जितेंद्र आव्हाड के समर्थकों के बीच एक गंभीर झड़प हुई। यह विवाद उस समय शुरू हुआ जब दोनों नेताओं के बीच कार का दरवाज़ा खोलने को लेकर बहस हुई, जो बाद में गाली-गलौज में बदल गई। बुधवार को मामूली विवाद के बाद, शुक्रवार को यह स्थिति और बिगड़ गई जब दोनों पक्ष विधान भवन परिसर में आमने-सामने आ गए।


मुख्यमंत्री की प्रतिक्रिया

मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने इस घटना पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि यह स्थिति उचित नहीं है और यह विधानसभा अध्यक्ष के अधिकार क्षेत्र में आता है। उन्होंने कहा कि विधान भवन में इस तरह के झगड़े नहीं होने चाहिए और इस मामले की उचित जांच होनी चाहिए। वहीं, जितेंद्र आव्हाड ने आरोप लगाया कि हमलावर कौन था, यह पूरे महाराष्ट्र को पता है। उन्होंने कहा कि उन्हें गालियाँ दी गईं और जान से मारने की धमकी मिली।


राजनीतिक तनाव और प्रतिक्रियाएँ

आव्हाड ने कहा कि अपशब्दों का इस्तेमाल किया गया, जैसे 'कुत्ता' और 'सुअर', और पूछा कि क्या विधानसभा में यही होना चाहिए। गोपीचंद पडलकर ने इस घटना को दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए खेद व्यक्त किया। शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने कहा कि यदि गुंडे विधानसभा तक पहुँच गए हैं, तो इसकी जिम्मेदारी गृह मंत्री और मुख्यमंत्री को लेनी चाहिए।


पिछली बहस का संदर्भ

गुरुवार को, गोपीचंद पडलकर और जितेंद्र आव्हाड के बीच विधानसभा के गेट पर तीखी बहस हुई। यह झड़प तब हुई जब पडलकर अपनी कार से बाहर निकले और दरवाज़ा जोर से बंद कर दिया। आव्हाड ने उन पर जानबूझकर ऐसा करने का आरोप लगाया, जिससे राजनीतिक तनाव और बढ़ गया।