महाराष्ट्र में वोटर लिस्ट विवाद: विपक्षी दल 1 नवंबर को करेंगे मार्च

महाराष्ट्र में वोटर लिस्ट में गड़बड़ी के आरोपों ने राजनीतिक हलचल पैदा कर दी है। महाविकास आघाड़ी और विपक्षी दल 1 नवंबर को चुनाव आयोग के खिलाफ एक विशाल मार्च का आयोजन करने जा रहे हैं। इस मार्च में लाखों लोग शामिल होंगे, जिसमें प्रमुख नेता जैसे शरद पवार और उद्धव ठाकरे शामिल होंगे। जानें इस आंदोलन के पीछे की वजह और इसके संभावित प्रभाव।
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महाराष्ट्र में वोटर लिस्ट विवाद: विपक्षी दल 1 नवंबर को करेंगे मार्च

वोटर लिस्ट में गड़बड़ी का आरोप

महाराष्ट्र में वोटर लिस्ट विवाद: विपक्षी दल 1 नवंबर को करेंगे मार्च

शरद पवार, उद्धव ठाकरे और राज ठाकरे.

महाराष्ट्र में मतदाता सूची में गड़बड़ी के आरोपों ने राजनीतिक माहौल को गर्म कर दिया है। महाविकास आघाड़ी और विपक्षी नेताओं ने चुनाव आयोग से मुलाकात कर इस मुद्दे पर अपनी चिंताओं को व्यक्त किया। रविवार को मुंबई में एक महत्वपूर्ण प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित की गई, जिसमें शिवसेना ठाकरे गुट के सांसद संजय राउत ने एक बड़ा ऐलान किया। उन्होंने बताया कि 1 नवंबर को चुनाव आयोग के खिलाफ सभी विपक्षी दल एक विशाल मार्च निकालेंगे।

संजय राउत ने कहा कि चुनाव आयोग के भ्रष्टाचार और मनमाने प्रशासन के खिलाफ यह मार्च आयोजित किया जाएगा। इस मार्च में महाराष्ट्र के हर गांव और जिले से लाखों लोग शामिल होंगे, जिससे मतदाताओं की ताकत का प्रदर्शन किया जाएगा।

इस मार्च का नेतृत्व राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के शरद पवार, शिवसेना के उद्धव ठाकरे, मनसे के राज ठाकरे और कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं द्वारा किया जाएगा।

विपक्ष का एकजुटता

राउत ने कहा कि हाल के दिनों में सभी विपक्षी दल चुनाव आयोग के घोटालों के खिलाफ एकजुट होकर लड़ाई लड़ रहे हैं। यह लड़ाई दिल्ली में राहुल गांधी के नेतृत्व में शुरू हुई थी और अब यह महाराष्ट्र में भी तेज हो गई है।

रविवार को गोरेगांव में महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना की एक बड़ी रैली हुई, जहां राज ठाकरे ने कहा कि चुनावों में धांधली हो चुकी है और यह लड़ाई इसी के खिलाफ है।

आंदोलन की तैयारी

संजय राउत ने यह भी बताया कि वर्तमान में महाराष्ट्र की मतदाता सूची में 96 लाख फर्जी मतदाता हैं, जिन्हें हटाना लोकतंत्र की आवश्यकता है। हाल ही में विपक्षी दलों के एक प्रतिनिधिमंडल ने चुनाव आयोग के अधिकारियों से मुलाकात की थी, जिसके बाद 1 नवंबर को मुंबई में एक विशाल मार्च का ऐलान किया गया है। इस प्रकार, राज्य में राजनीतिक माहौल और भी गर्म होने की संभावना है।