महाराष्ट्र में वंदे मातरम् विवाद: आजमी ने बीजेपी पर साधा निशाना
वंदे मातरम् के 150 साल का उत्सव और विवाद
महाराष्ट्र सरकार ने वंदे मातरम् के 150 साल पूरे होने के उपलक्ष्य में कई कार्यक्रमों का आयोजन किया है, जिससे एक नया विवाद उत्पन्न हो गया है। समाजवादी पार्टी के विधायक अबू आसिम आजमी ने मुंबई बीजेपी अध्यक्ष अमित साटम द्वारा दिए गए निमंत्रण को अस्वीकार कर दिया। साटम ने आजमी को उनके निवास के निकट वंदे मातरम् के सामूहिक गायन में शामिल होने के लिए आमंत्रित किया था। आजमी ने इस निमंत्रण को ठुकराते हुए बीजेपी पर गंभीर आरोप लगाए और इसे “घटिया राजनीति” कहा।
आजमी का तीखा बयान
वंदे मातरम् के सामूहिक गायन में शामिल होने से मना करते हुए आजमी ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट किया है कि किसी को भी राष्ट्रगीत गाने के लिए मजबूर नहीं किया जा सकता। उन्होंने कहा, “जब विधानसभा में वंदे मातरम् गाया जाता है, तो हम सम्मान के साथ खड़े होते हैं। जन गण मन को भी श्रद्धा से गाते हैं। लेकिन बीजेपी यह नहीं बताती कि कुछ लोग धार्मिक कारणों से वंदे मातरम् नहीं गा सकते। इसके बजाय, वे हमें ‘देशद्रोही’ कहकर बदनाम करते हैं। यह बेहद शर्मनाक है।”
मुख्यमंत्री पर भी कटाक्ष
आजमी ने मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस पर भी निशाना साधा। उन्होंने कहा कि फडणवीस इस प्रकार की राजनीति पर चुपचाप तमाशा देख रहे हैं। आजमी ने बीजेपी को चेतावनी दी कि वे संविधान और अल्पसंख्यकों का अपमान कर रहे हैं। उन्होंने कहा, “आप सत्ता में हैं, लेकिन यह हमेशा नहीं रहेगा। वंदे मातरम् को राजनीतिक हथियार मत बनाइए। हमने इसका कभी विरोध नहीं किया और न करेंगे।”
स्कूलों में वंदे मातरम् गाने का आदेश
हाल ही में, महाराष्ट्र सरकार ने सभी स्कूलों को 31 अक्टूबर से 7 नवंबर तक वंदे मातरम् का पूरा संस्करण गाने का निर्देश दिया। इस आदेश पर आजमी ने आपत्ति जताते हुए कहा कि किसी को जबरदस्ती गाना गवाना उचित नहीं है। उन्होंने कहा, “इस्लाम में मां का सम्मान सबसे महत्वपूर्ण है, लेकिन सजदा केवल अल्लाह के लिए होता है।” इस बयान ने आजमी को फिर से विवादों के केंद्र में ला दिया है। बीजेपी नेता इसे राष्ट्रगीत का अपमान मानते हैं, जबकि आजमी का कहना है कि उनकी देशभक्ति पर सवाल उठाने का किसी को अधिकार नहीं है।
