महाराष्ट्र में मीनाताई ठाकरे की प्रतिमा के विरूपण पर राजनीतिक हलचल

मीनाताई ठाकरे की प्रतिमा का विरूपण
बाल ठाकरे की दिवंगत पत्नी मीनाताई ठाकरे की प्रतिमा के विरूपण ने महाराष्ट्र की राजनीतिक स्थिति को गरमा दिया है। सीसीटीवी फुटेज के आधार पर उपेंद्र पावस्कर नामक व्यक्ति को गिरफ्तार किया गया है, और भारतीय दंड संहिता की धारा 298 के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई है। इस मामले की जांच के लिए आठ टीमें गठित की गई हैं।
आरोपी की गिरफ्तारी
बुधवार शाम को मुंबई के शिवाजी पार्क में मीनाताई ठाकरे की प्रतिमा पर तेलयुक्त रंग फेंके जाने के बाद एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया गया। आरोपी की पहचान सीसीटीवी फुटेज से की गई है। एक अधिकारी ने बताया कि आरोपी का नाम उपेंद्र पावस्कर है और उससे पूछताछ की जा रही है।
प्रतिमा पर रंग फेंकने की घटना
सुबह लगभग साढ़े छह बजे एक राहगीर ने प्रतिमा पर लाल रंग देखा। इस सूचना के बाद उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली शिवसेना (उबाठा) के कार्यकर्ता मौके पर पहुंचे और सफाई का कार्य शुरू किया। पुलिस को भी इस घटना की जानकारी दी गई। अधिकारी ने बताया कि अपराधियों की पहचान के लिए आठ टीमों का गठन किया गया है और पुलिस शिवाजी पार्क के सीसीटीवी फुटेज की जांच कर रही है।
महाराष्ट्र में राजनीतिक तनाव
शिवाजी पार्क थाने में भारतीय दंड संहिता की धारा 298 के तहत अज्ञात व्यक्तियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई है। शिवसेना (उबाठा) और महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) के कार्यकर्ताओं में भारी आक्रोश है। उद्धव ठाकरे और उनके चचेरे भाई राज ठाकरे ने घटनास्थल का दौरा किया और इस घटना की निंदा की। उद्धव ने कहा कि यह घटना महाराष्ट्र में अशांति फैलाने का प्रयास प्रतीत होती है।
मुख्यमंत्री की प्रतिक्रिया
मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस ने भी इस घटना की निंदा की। गृह मंत्रालय का कार्यभार संभालते हुए उन्होंने कहा कि पुलिस उन असामाजिक तत्वों का पता लगाएगी जो इस विरूपण में शामिल हैं। उन्होंने कहा कि इस घटना को राजनीतिक रंग देने की आवश्यकता नहीं है। उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने कहा कि दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा।
शिवसैनिकों का आक्रोश
शिवसेना नेता शंभूराज देसाई ने कहा कि मीनाताई ठाकरे शिवसैनिकों के लिए आस्था का प्रतीक हैं। अनिल देसाई ने प्रतिमा के विरूपण को राज्य सरकार की विफलता बताया। विधायक महेश सावंत ने इस घटना को राजनीति से प्रेरित बताया और कहा कि यह घटना 14 सितंबर को एशिया कप में भारत-पाकिस्तान मैच के विरोध में शिवसेना (उबाठा) द्वारा किए गए प्रदर्शन के बाद हुई है।