महाराष्ट्र में महायुति गठबंधन में बढ़ती दरार: मंत्री विवाद

महाराष्ट्र के महायुति गठबंधन में बढ़ती दरारें एक बार फिर से सामने आई हैं। शिवसेना के मंत्री संजय शिरसाट और भाजपा की राज्य मंत्री माधुरी मिसाल के बीच विभागीय बैठकों को लेकर विवाद उत्पन्न हुआ है। शिरसाट ने आरोप लगाया है कि मिसाल ने उनकी मंजूरी के बिना बैठकें आयोजित कीं, जिससे भाजपा की शिवसेना के मंत्रियों को दरकिनार करने की मंशा पर सवाल उठने लगे हैं। इस टकराव ने राज्य की राजनीति में नई हलचल पैदा कर दी है। जानें इस विवाद की पूरी कहानी।
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महाराष्ट्र में महायुति गठबंधन में बढ़ती दरार: मंत्री विवाद

महायुति गठबंधन में तनाव

महाराष्ट्र के सत्तारूढ़ महायुति गठबंधन में दरारें फिर से उभरने लगी हैं। शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना के सामाजिक न्याय मंत्री संजय शिरसाट और भाजपा की राज्य मंत्री माधुरी मिसाल के बीच विभागीय बैठकों को लेकर टकराव हुआ है। यह विवाद तब शुरू हुआ जब मिसाल ने विधायकों के अनुरोध पर बैठकें बुलाईं और अधिकारियों को निर्देश दिए, बिना शिरसाट को सूचित किए। इससे यह संदेह बढ़ गया है कि भाजपा शिंदे की शिवसेना के मंत्रियों को दरकिनार कर रही है। शिरसाट ने एक कड़े पत्र में आरोप लगाया कि मिसाल ने उनकी मंजूरी के बिना समीक्षा बैठकें आयोजित कीं और भविष्य में सभी बैठकों की अध्यक्षता उनकी होनी चाहिए।


मंत्री का अधिकार और विवाद

शिरसाट ने पत्र में कहा कि कई बैठकें उनके स्तर पर आयोजित की जा रही हैं। इसलिए, उचित समन्वय के लिए, उन्हें अन्य विषयों पर बैठकें आयोजित करने के लिए उनकी पूर्व अनुमति की आवश्यकता है। हालांकि, भाजपा मंत्री ने इस पर तीखा खंडन करते हुए कहा कि राज्य मंत्री होने के नाते, उन्हें बिना पूर्वानुमति के समीक्षा बैठकें बुलाने का अधिकार है। उन्होंने स्पष्ट किया कि इन बैठकों में कोई आधिकारिक निर्णय नहीं लिए गए, केवल सुझाव दिए गए।


शिरसाट के अधिकार क्षेत्र पर सवाल

मिसाल ने शिरसाट को उनके अधिकार क्षेत्र से बाहर होने के दावों को चुनौती दी। उन्होंने मुख्यमंत्री के निर्देश का हवाला देते हुए कहा कि उनके कार्य उनकी जिम्मेदारियों के दायरे में थे। इसके अलावा, उन्होंने 19 मार्च, 2025 को मंत्री और राज्य मंत्री के बीच औपचारिक कर्तव्यों के बंटवारे का उल्लेख किया, जिसमें मुख्यमंत्री की मंजूरी की आवश्यकता नहीं थी। इसके बावजूद, उन्होंने कहा कि वह बिना किसी आपत्ति के अपने कर्तव्यों का निर्वहन कर रही थीं।