महाराष्ट्र में मराठा आरक्षण पर नया विवाद: ओबीसी समुदाय की नाराजगी

महाराष्ट्र में मराठा आरक्षण को लेकर एक नया विवाद उत्पन्न हुआ है, जिसमें सरकार ने मराठा समुदाय को ओबीसी कोटे में आरक्षण देने का निर्णय लिया है। इस पर ओबीसी समुदाय में नाराजगी है, खासकर ओबीसी नेता छगन भुजबल की अनुपस्थिति के कारण। सरकार ने ओबीसी कल्याण के मुद्दों पर ध्यान देने के लिए एक उपसमिति का गठन किया है। यह सब तब हो रहा है जब मराठा कार्यकर्ता मनोज जरांगे ने अपनी भूख हड़ताल समाप्त की है। जानें इस विवाद के पीछे की पूरी कहानी।
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महाराष्ट्र में मराठा आरक्षण पर नया विवाद: ओबीसी समुदाय की नाराजगी

मराठा आरक्षण पर नया मोड़

महाराष्ट्र में मराठा आरक्षण को लेकर एक नया विवाद उत्पन्न हो गया है। राज्य सरकार ने मराठा आंदोलन के नेता मनोज जरांगे की 8 में से 6 मांगों को स्वीकार कर लिया है और मराठा समुदाय को मराठा-कुणबी जाति प्रमाणपत्र देने का निर्णय लिया है। इससे मराठा समुदाय को ओबीसी कोटे में आरक्षण का लाभ प्राप्त होगा। जरांगे ने बताया कि अब मराठवाड़ा और पश्चिम महाराष्ट्र के मराठा समुदाय को आरक्षण मिलेगा।


ओबीसी नेताओं की प्रतिक्रिया

ओबीसी नेता भुजबल कैबिनेट बैठक से अनुपस्थित


सरकार के इस निर्णय से मराठा समुदाय में खुशी है, लेकिन ओबीसी समाज में असंतोष देखने को मिल रहा है। ओबीसी नेता और मंत्री छगन भुजबल कैबिनेट बैठक में उपस्थित नहीं थे और उन्होंने चेतावनी दी है कि यदि मराठाओं को ओबीसी कोटे में शामिल किया गया, तो बड़ा आंदोलन होगा। ओबीसी कार्यकर्ता लक्ष्मण हाके ने कहा कि सरकार को मराठाओं को कुणबी प्रमाणपत्र देने का अधिकार नहीं है और ओबीसी समुदाय इसका विरोध करने के लिए सड़कों पर उतर सकता है।


कैबिनेट उपसमिति का गठन

मराठा आरक्षण आंदोलन के बीच, महाराष्ट्र सरकार ने ओबीसी समुदाय से जुड़े मुद्दों पर ध्यान देने के लिए एक कैबिनेट उपसमिति का गठन किया है। सूत्रों के अनुसार, यह उपसमिति ओबीसी आबादी के सामाजिक, शैक्षिक और आर्थिक विकास से संबंधित योजनाओं पर कार्य करेगी। वरिष्ठ भाजपा नेता चंद्रशेखर बावनकुले को इस उपसमिति का अध्यक्ष बनाया गया है।


आरक्षण विवाद की पृष्ठभूमि

मराठा आरक्षण विवाद


महाराष्ट्र सरकार द्वारा ओबीसी कल्याण पर उपसमिति का गठन मराठा आरक्षण की मांगों के खिलाफ चल रहे विरोध प्रदर्शनों के बीच हुआ है। यह कदम मराठा कार्यकर्ता मनोज जरांगे द्वारा मुंबई में अपनी अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल समाप्त करने के निर्णय के बाद उठाया गया है। आज़ाद मैदान में पांच दिनों से भूख हड़ताल पर बैठे जरांगे ने राज्य द्वारा प्रमुख मांगों पर सहमति जताने के बाद प्रदर्शनकारियों की "जीत" की घोषणा की। उन्होंने मंगलवार शाम वरिष्ठ मंत्री राधाकृष्ण विखे पाटिल द्वारा दिए गए जूस को पीकर अपना अनशन समाप्त किया। सरकार ने मराठवाड़ा क्षेत्र के योग्य मराठा परिवारों को ओबीसी श्रेणी के तहत कुनबी जाति प्रमाण पत्र देने का आश्वासन दिया है। इसके अलावा, राज्य सरकार ने आरक्षण विरोध प्रदर्शन के दौरान मारे गए लोगों के परिवारों को मुआवजा और सरकारी नौकरी देने पर भी सहमति जताई है। पहले, प्रदर्शनकारियों ने ओबीसी श्रेणी के तहत नौकरियों और शिक्षा में 10% आरक्षण की मांग की थी।