महाराष्ट्र में भारी बारिश से बाढ़, आठ लोगों की जान गई

महाराष्ट्र के मराठवाड़ा में बाढ़ की स्थिति
मध्य महाराष्ट्र के मराठवाड़ा क्षेत्र में पिछले चार दिनों से लगातार बारिश हो रही है, जिसके परिणामस्वरूप आठ व्यक्तियों की मृत्यु हो गई है और धाराशिव जिले के 159 गांव बाढ़ की चपेट में आ गए हैं। अधिकारियों के अनुसार, इस क्षेत्र में पिछले 50 वर्षों में इतनी भारी बारिश नहीं हुई। 750 से अधिक घरों को नुकसान पहुंचा है, 186 मवेशी मारे गए हैं, और 33,000 हेक्टेयर से अधिक फसलें बर्बाद हो गई हैं।
भारी बारिश के कारण जालना और बीड में तीन पुल, छत्रपति संभाजीनगर में दो स्कूल और मराठवाड़ा में पांच छोटे बांध भी ढह गए हैं। राज्य के आपदा प्रबंधन मंत्री गिरीश महाजन ने स्थिति की गंभीरता को देखते हुए कहा, "यह स्थिति अत्यंत गंभीर है। पिछले 50-70 वर्षों में इतनी बारिश कभी नहीं देखी गई। गांवों में पानी भर गया है, उपजाऊ मिट्टी बह गई है, और किसानों की फसलें और मवेशी बर्बाद हो गए हैं।"
कृषि मंत्री का बयान और राहत कार्य
कृषि मंत्री दत्तात्रेय भारणे ने बताया कि पूरे महाराष्ट्र में 63.51 लाख एकड़ कृषि भूमि प्रभावित हुई है, जिससे कृषि क्षेत्र में हुए नुकसान का स्तर स्पष्ट होता है। जयकवाड़ी और माजलगांव बांधों के जलग्रहण क्षेत्रों में भारी बारिश के कारण अधिकारियों को पानी छोड़ना पड़ा, जिससे छत्रपति संभाजीनगर, जालना और बीड में नदियाँ उफान पर आ गईं और बाढ़ की स्थिति और बिगड़ गई।
मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने धाराशिव और बीड में चल रहे बचाव कार्यों की जानकारी दी। उन्होंने कहा, "राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (एनडीआरएफ) ने धाराशिव में 27 लोगों को बचाया है और 200 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है।"
वर्षा का आंकड़ा और सरकारी सहायता
1 जून से मराठवाड़ा में औसत से 28.5 प्रतिशत अधिक वर्षा हुई है, जिसमें धाराशिव में सामान्य से 148 प्रतिशत अधिक वर्षा दर्ज की गई है। सरकार ने प्रभावित किसानों के लिए 2,215 करोड़ रुपये की सहायता की घोषणा की है, जिसमें से 31.64 लाख किसानों को पहले ही सहायता मिल चुकी है। विपक्षी नेताओं ने प्रशासन की आलोचना की है और लंबे समय से फसल और मिट्टी के नुकसान का सामना कर रहे किसानों के लिए शीघ्र मुआवजे की मांग की है।