महाराष्ट्र में बाढ़ राहत उपाय: मृतकों के परिवारों को वित्तीय सहायता

बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में राहत कार्य
महाराष्ट्र सरकार ने बाढ़ से प्रभावित क्षेत्रों में राहत कार्य शुरू कर दिए हैं। इसमें मृतकों के परिवारों को वित्तीय सहायता, फसलों और पशुधन के नुकसान के लिए मुआवजा, और क्षतिग्रस्त मकानों के लिए सहायता शामिल है। अधिकारियों ने यह जानकारी बृहस्पतिवार को साझा की।
मृतकों के परिवारों के लिए सहायता
सरकारी घोषणा के अनुसार, बाढ़ में जान गंवाने वाले लोगों के परिवारों को चार लाख रुपये की सहायता दी जाएगी। इसके अलावा, मवेशियों के नुकसान के लिए भी मुआवजा निर्धारित किया गया है।
पशुधन के लिए मुआवजा
बकरियों, भेड़ों और सूअरों के लिए प्रति जानवर 4,000 रुपये की राहत दी जाएगी। प्रति परिवार तीन बड़े और 30 छोटे पशुओं तक मुआवजे की सीमा तय की गई है। मुर्गीपालकों को प्रति मुर्गी 100 रुपये की सहायता मिलेगी, जिसकी अधिकतम सीमा प्रति परिवार 10,000 रुपये है।
घरों के लिए मुआवजा
जिन परिवारों के घर पूरी तरह नष्ट हो गए हैं, उन्हें झोपड़ी के लिए 8,000 रुपये और पक्के घर के लिए 12,000 रुपये का मुआवजा मिलेगा। इसके अलावा, क्षतिग्रस्त पशुशालाओं के लिए 3,000 रुपये तक की सहायता प्रदान की जाएगी।
किसानों के लिए राहत
सरकार ने उन किसानों के लिए भी राहत की घोषणा की है जिनकी फसलें बाढ़ से प्रभावित हुई हैं। वर्षा-आधारित फसलों के लिए प्रति हेक्टेयर 8,500 रुपये, सिंचित फसलों के लिए 17,000 रुपये और बारहमासी फसलों के लिए 22,500 रुपये दिए जाएंगे।
कृषि भूमि के लिए मुआवजा
जिन क्षेत्रों में बाढ़ ने कृषि भूमि को बर्बाद किया है, वहां पुनर्स्थापित होने योग्य भूमि के लिए 18,000 रुपये प्रति हेक्टेयर दिए जाएंगे। यह घोषणा राज्य में भारी बारिश के कारण हुए व्यापक नुकसान के बीच की गई है।
बाढ़ से हुए नुकसान का आकलन
मराठवाड़ा क्षेत्र में 20 सितंबर से अब तक बाढ़ में कम से कम नौ लोगों की जान गई है और 30,000 हेक्टेयर से अधिक फसलों को नुकसान हुआ है। सरकार के अनुसार, इस महीने राज्य के 31 जिलों में लगातार बारिश हो रही है।
कृषि भूमि और फसलों पर प्रभाव
अब तक 50 लाख हेक्टेयर कृषि भूमि और फसलें प्रभावित हो चुकी हैं। सरकार ने राज्य आपदा राहत कोष से 2,215 करोड़ रुपये जारी किए हैं और केंद्र से अतिरिक्त वित्तीय सहायता की मांग की है।