महाराष्ट्र में दशहरा रैलियों की तैयारी: उद्धव ठाकरे और एकनाथ शिंदे की अलग-अलग योजनाएं

महाराष्ट्र में दशहरा के अवसर पर उद्धव ठाकरे और एकनाथ शिंदे की रैलियों का आयोजन हो रहा है। संजय राउत ने शिंदे पर हमला करते हुए कहा कि राज्य में केवल दो प्रमुख रैलियां होती हैं। उद्धव की रैली शिवाजी पार्क में होगी, जबकि शिंदे की रैली गोरेगांव में आयोजित की जाएगी। जानें इन रैलियों के महत्व और उद्देश्यों के बारे में।
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महाराष्ट्र में दशहरा रैलियों की तैयारी: उद्धव ठाकरे और एकनाथ शिंदे की अलग-अलग योजनाएं

दशहरा रैलियों का आयोजन

महाराष्ट्र में दशहरा रैलियों की तैयारी: उद्धव ठाकरे और एकनाथ शिंदे की अलग-अलग योजनाएं

उद्धव ठाकरे और एकनाथ शिंदे

दशहरा के अवसर पर देशभर में कई रैलियों का आयोजन किया जा रहा है, जिसमें महाराष्ट्र में भी विभिन्न रैलियां शामिल हैं। इनमें से एकनाथ शिंदे और उद्धव ठाकरे की रैलियों पर विशेष ध्यान केंद्रित किया जा रहा है। इस बीच, शिवसेना (UBT) के नेता संजय राउत ने एकनाथ शिंदे पर तीखा हमला किया है। उन्होंने आरएसएस के 100 साल पूरे होने पर शुभकामनाएं भी दी हैं।

जब मीडिया ने शिंदे की रैली के बारे में राउत से सवाल किया, तो उन्होंने कहा, “ये शिंदे कौन हैं? महाराष्ट्र में केवल दो दशहरा रैलियां होती हैं, जो वर्षों से चल रही हैं। इनके अलावा कोई अन्य रैली नहीं होती।”

राउत ने बताया कि नागपुर में आरएसएस की दशहरा रैली होती है, जो आज 100 साल पूरे कर चुकी है, जबकि दूसरी रैली शिवाजी पार्क में होती है, जिसकी शुरुआत हिंदू हृदय सम्राट बालासाहेब ठाकरे ने की थी। उन्होंने कहा कि इस रैली में उद्धव ठाकरे शामिल होंगे और लाखों शिवसैनिक इसमें भाग लेंगे।

उद्धव की दशहरा रैली का स्थान

उद्धव ठाकरे की शिवसेना (UBT) की दशहरा रैली दादर के शिवाजी पार्क में आयोजित की जाएगी। यह रैली वर्षों से आयोजित की जा रही है, जिसकी शुरुआत 1966 में बाला साहेब ठाकरे ने की थी। उद्धव गुट का कहना है कि यह रैली केवल सांस्कृतिक आयोजन नहीं, बल्कि जनता की आवाज भी बनेगी।

शिंदे की रैली का आयोजन

उप-मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की शिवसेना अलग रैली का आयोजन कर रही है, जिसे शक्ति प्रदर्शन के रूप में देखा जा रहा है। यह रैली शाम 6 बजे गोरेगांव के NESCO एग्जिबिशन सेंटर में होगी। पहले यह कार्यक्रम आजाद मैदान में होना था, लेकिन बारिश के कारण स्थान बदल दिया गया। शिंदे ने कहा कि इस रैली के माध्यम से किसानों और बाढ़ प्रभावित परिवारों के लिए चंदा इकट्ठा किया जाएगा।