महाराष्ट्र में उपमुख्यमंत्री के सहायक बनकर ठगी करने वाले दंपति के खिलाफ मामला दर्ज

जलगांव में एक दंपति पर आरोप है कि उन्होंने उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के निजी सहायक बनकर 18 लोगों से 55 लाख रुपये की ठगी की। हितेश और अर्पिता संघवी ने सरकारी नौकरी और म्हाडा के फ्लैट दिलाने का झांसा देकर लोगों से पैसे लिए। जब एक व्यवसायी को ठगी का एहसास हुआ, तो उसने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई। इस मामले में दंपति के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई है।
 | 
महाराष्ट्र में उपमुख्यमंत्री के सहायक बनकर ठगी करने वाले दंपति के खिलाफ मामला दर्ज

ठगी का मामला

महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के निजी सहायक होने का दावा करने वाले एक दंपति के खिलाफ जलगांव में 18 व्यक्तियों से 55 लाख रुपये की धोखाधड़ी करने का मामला दर्ज किया गया है। यह जानकारी शनिवार को एक पुलिस अधिकारी ने दी।


पुलिस ने बताया कि जलगांव के पचोरा क्षेत्र के निवासी हितेश रमेश संघवी और उनकी पत्नी अर्पिता संघवी ने लोगों को सरकारी नौकरी, निविदा, और म्हाडा (महाराष्ट्र आवास और क्षेत्र विकास प्राधिकरण) के फ्लैट दिलाने का झांसा दिया।


अधिकारी ने कहा, 'डेरी व्यवसायी हर्षल बारी सांघवी से संपर्क में आया। सांघवी ने बारी को बताया कि वह उपमुख्यमंत्री का निजी सहायक है और उसका कार्यालय मंत्रालय में है। बारी ने म्हाडा के फ्लैट के लिए 10 लाख रुपये और रेलवे में नौकरी दिलाने के लिए अपनी पत्नी को सात लाख रुपये दिए।'


उन्होंने आगे बताया, 'आरोपी फर्जी दस्तावेज और नियुक्ति पत्र दिखाकर लोगों को ठगते थे। बारी ने नवंबर 2024 से अगस्त 2025 के बीच कुल 13.38 लाख रुपये दिए। जब उन्हें ठगी का एहसास हुआ, तो बारी ने बृहस्पतिवार को शिकायत दर्ज कराई।' अधिकारी ने कहा कि सांघवी दंपति के खिलाफ शनिपेठ पुलिस थाने में धोखाधड़ी के आरोप में प्राथमिकी दर्ज की गई है।