महाराष्ट्र में उद्धव और शिंदे के बीच सियासी टकराव: संभाजीनगर चुनाव की तैयारी

महाराष्ट्र की राजनीति में उद्धव ठाकरे और एकनाथ शिंदे के बीच सियासी संघर्ष ने एक नया मोड़ ले लिया है। दोनों नेता संभाजीनगर महानगरपालिका चुनाव में अपनी स्थिति मजबूत करने के लिए तैयारियों में जुटे हैं। उद्धव का दौरा पहले से तय था, लेकिन शिंदे ने अचानक दौरे की घोषणा कर दी, जिससे सियासी तापमान बढ़ गया है। जानें इस संघर्ष के पीछे की वजह और आगे की रणनीतियों के बारे में।
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महाराष्ट्र में उद्धव और शिंदे के बीच सियासी टकराव: संभाजीनगर चुनाव की तैयारी

सियासी जंग का नया अध्याय

महाराष्ट्र में उद्धव और शिंदे के बीच सियासी टकराव: संभाजीनगर चुनाव की तैयारी

एकनाथ शिंदे और उद्धव ठाकरे

महाराष्ट्र की राजनीति में इस समय उद्धव ठाकरे और एकनाथ शिंदे के बीच तीव्र सियासी संघर्ष देखने को मिल रहा है। दोनों पक्षों से लगातार बयानबाजी जारी है। इस बीच, दोनों गुटों की नजरें संभाजीनगर की महानगरपालिका पर टिकी हुई हैं, जिससे यह सियासी टकराव और भी बढ़ गया है। उद्धव ठाकरे के दौरे से पहले, एकनाथ शिंदे ने भी संभाजीनगर में कार्यक्रम की घोषणा की है।

छत्रपति संभाजीनगर के महानगरपालिका चुनाव को लेकर राजनीतिक तापमान काफी बढ़ चुका है। सभी दल अपनी-अपनी तैयारियों में जुटे हुए हैं। शनिवार को उद्धव ठाकरे का पहले से निर्धारित दौरा होने वाला है, लेकिन इससे पहले उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने अचानक दौरे का ऐलान कर दिया है, जिससे सियासी हलचल तेज हो गई है।

उद्धव और एकनाथ दोनों ही नेता संभाजीनगर महानगरपालिका चुनाव में अपनी स्थिति मजबूत करने के लिए प्रयासरत हैं। यही कारण है कि यह संघर्ष हर दिन और भी दिलचस्प होता जा रहा है। एकनाथ शिंदे के अचानक दौरे ने सियासी तापमान को और बढ़ा दिया है।

उद्धव का कार्यक्रम पहले से तय

शनिवार को उद्धव ठाकरे का संभाजीनगर दौरा पहले से निर्धारित है, जहां वे पार्टी कार्यकर्ताओं से बातचीत करेंगे, रोड शो करेंगे और एक बड़ी जनसभा को संबोधित करेंगे। इसी बीच, उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने शुक्रवार को अपने दौरे की घोषणा कर दी, जिससे सियासी हलचल और तेज हो गई है।

सूत्रों के अनुसार, जैसे ही उद्धव ठाकरे के कार्यक्रम की जानकारी शिंदे गुट को मिली, उन्होंने तुरंत अपने स्थानीय नेताओं को सक्रिय कर दिया और उद्धव के दौरे से एक दिन पहले शक्ति प्रदर्शन करने का आदेश दिया है। राजनीतिक विशेषज्ञों का मानना है कि यह कदम संभाजीनगर मनपा पर कब्जे की लड़ाई को और तेज कर सकता है।

प्रतिष्ठा की लड़ाई दोनों गुटों के बीच

संभाजीनगर महानगरपालिका पर पहले अविभाजित शिवसेना का शासन था, लेकिन अब दोनों गुटों के बीच प्रतिष्ठा की लड़ाई अपने चरम पर है। स्थानीय स्तर पर दोनों पक्षों ने कार्यकर्ताओं की मीटिंग, बैनर-पोस्टर और रैली की तैयारियां तेज कर दी हैं। आने वाले दिनों में संभाजीनगर की राजनीति और भी गर्म होने की संभावना है.