महाभारत में भीम और हनुमान जी की अद्भुत मुलाकात

महाभारत में भीम और हनुमान जी की मुलाकात एक अद्भुत घटना है, जिसमें हनुमान जी ने भीम के घमंड को तोड़ दिया। यह कहानी न केवल एक शिक्षाप्रद घटना है, बल्कि यह दर्शाती है कि किसी भी स्थिति में विनम्रता आवश्यक है। जानें कैसे भीम ने हनुमान जी से आशीर्वाद प्राप्त किया और इस घटना ने उन्हें कैसे प्रभावित किया।
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महाभारत में भीम और हनुमान जी की अद्भुत मुलाकात

जब हनुमान जी ने भीम का घमंड तोड़ा

महाभारत में भीम और हनुमान जी की अद्भुत मुलाकात

जब हनुमान जी ने तोड़ा भीम का घमंडImage Credit source: Freepik

भीम और हनुमान जी की मुलाकात: द्वापर युग में महाभारत का युद्ध हुआ, जिसमें कौरवों और पांडवों के बीच संघर्ष का वर्णन मिलता है। महाभारत में कई शिक्षाप्रद कहानियाँ हैं। आज हम एक ऐसी घटना पर चर्चा करेंगे, जिसमें हनुमान जी ने भीम के घमंड को तोड़ा।

महाभारत के एक प्रसंग में, भीम द्रौपदी के लिए फूल लाने गंधमादन पर्वत की ओर जा रहे थे, जो वर्तमान में तिब्बत में स्थित है। रास्ते में उन्हें एक वृद्ध वानर मिला, जो वास्तव में पवनपुत्र हनुमान जी थे। भीम ने उन्हें साधारण वानर समझकर रास्ते से हटने के लिए कहा।

भीम का क्रोध

हनुमान जी ने वृद्ध वानर के रूप में कहा कि वे अस्वस्थ हैं और खड़े नहीं हो सकते। इस पर भीम को गुस्सा आ गया और उन्होंने कहा कि क्या तुम जानते हो मैं कौन हूं? मैं पांडु पुत्र भीम हूं। रास्ता छोड़ो और अपनी पूंछ हटाओ। हनुमान जी ने कहा कि तुम मेरी पूंछ लांघ सकते हो।

भीम ने कहा कि उन्हें किसी वानर की पूंछ लांघना उचित नहीं लगता। हनुमान जी ने कहा कि यदि ऐसा है, तो तुम मेरी पूंछ को एक ओर कर दो और आगे बढ़ जाओ। भीम ने कोशिश की, लेकिन वे पूंछ को हिला भी नहीं पाए।

हनुमान जी का आशीर्वाद

भीम ने अपनी पूरी ताकत लगाई, लेकिन असफल रहे। इस घटना ने उन्हें लज्जित किया और उनका गर्व चूर हो गया। उन्होंने नम्रता से वानर से क्षमा मांगी। तब हनुमान जी ने उन्हें अपना असली रूप दिखाया। भीम ने उन्हें प्रणाम किया और हनुमान जी ने उन्हें आशीर्वाद दिया कि वे युद्ध में अर्जुन के रथ पर उड़ने वाली ध्वजा पर रहेंगे।

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