महात्मा गांधी के ब्रह्मचर्य प्रयोग: विवाद और विमर्श

महात्मा गांधी का निजी जीवन और ब्रह्मचर्य
महात्मा गांधी, जो विश्व में शांति और अहिंसा के प्रतीक माने जाते हैं, का निजी जीवन विशेषकर ब्रह्मचर्य और कामुकता से जुड़े उनके विचारों के कारण लंबे समय से चर्चा का विषय रहा है।
ब्रिटिश इतिहासकार जैड एडम्स की पुस्तक "गांधी: नेकेड एम्बिशन" (2010) और लाइब्रेरियन गिरिजा कुमार की "ब्रह्मचर्य गांधी और उनकी महिला मित्र" (2006) ने गांधी के महिलाओं के प्रति असामान्य व्यवहार पर कई सवाल उठाए हैं।
एडम्स ने 15 वर्षों के अनुसंधान के बाद गांधी को एक यौन दमित व्यक्ति के रूप में चित्रित किया, जिन्होंने ऐसे ब्रह्मचर्य प्रयोग किए जो आज के नैतिक मानकों के अनुसार विवादास्पद माने जा सकते हैं। इनमें युवा महिलाओं के साथ नग्न सोना और उनके साथ स्नान करना शामिल था। कुमार ने उन लगभग 18 महिलाओं की सूची बनाई, जिन्होंने इन प्रथाओं में भाग लिया, जिनमें मनु, आभा गांधी और सुशीला नायर जैसी गांधी की करीबी सहयोगी शामिल थीं।
एडम्स के अनुसार, जब बंगाल के नोआखली में दंगे भड़क रहे थे, तब गांधी ने मनु को बुलाकर कहा, "अगर तुम मेरे साथ नहीं होती तो मुस्लिम चरमपंथी हमारा क़त्ल कर देते। आओ, आज से हम दोनों निर्वस्त्र होकर एक साथ सोएं और अपने शुद्ध होने और ब्रह्मचर्य का परीक्षण करें।"
किताब में महाराष्ट्र के पंचगनी में ब्रह्मचर्य के प्रयोग का भी उल्लेख है, जहां सुशीला नायर गांधी के साथ नहाती और सोती थीं। गांधी ने खुद लिखा, "जब सुशीला मेरे सामने निर्वस्त्र होती हैं, तो मेरी आंखें कसकर बंद हो जाती हैं। मुझे कुछ भी नज़र नहीं आता।"
गांधी के करीबी सहयोगी निर्मल कुमार बोस ने अपनी पुस्तक "माई डेज़ विद गांधी" में इन प्रयोगों का उल्लेख किया है। उन्होंने एक घटना का जिक्र करते हुए कहा कि एक सुबह जब वह गांधी के शयन कक्ष में पहुंचे, तो सुशीला नायर रो रही थीं और गांधी दीवार में अपना सिर पटक रहे थे। इसके बाद बोस ने गांधी के ब्रह्मचर्य प्रयोगों का विरोध करना शुरू किया।
आलोचकों का कहना है कि इन कृत्यों ने गांधी के आश्रम में युवा महिलाओं के भरोसे का फायदा उठाया और उनके भविष्य को प्रभावित किया। कुछ शोधकर्ताओं का मानना है कि इनमें से कई महिलाओं ने कभी शादी नहीं की या उनके जीवन में भावनात्मक समस्याएं आईं।
गांधी की हत्या के बाद, उनकी महिला मित्र मनु को चुप रहने के लिए कहा गया और उन्हें एक दूरदराज के इलाके में भेज दिया गया। सुशीला ने भी इस विषय पर हमेशा चुप्पी साधे रखी। दुखद यह है कि गांधी के ब्रह्मचर्य प्रयोगों में शामिल लगभग सभी महिलाओं का वैवाहिक जीवन प्रभावित हुआ।
गांधी के पत्रों से यह स्पष्ट होता है कि उन्होंने सरला देवी और मिशनरी एस्तेर फ़ेयरिंग जैसी महिलाओं के साथ भावनात्मक संबंध बनाए, जो सामान्य आध्यात्मिक संबंधों से परे थे। मेडेलीन स्लेड, जिन्हें उन्होंने मीराबेन नाम दिया, के साथ उनका रिश्ता भी इस सूची में शामिल है।
यह विषय आज भी संवेदनशील बना हुआ है। कुछ लोग मानते हैं कि गांधी ने ब्रह्मचर्य का उपयोग न केवल व्यक्तिगत परीक्षण के लिए किया, बल्कि अपने अनुयायियों पर नैतिक अधिकार जताने के लिए भी। ब्रिटिश इतिहासकारों के अनुसार, गांधी के ब्रह्मचर्य के कारण जवाहरलाल नेहरू उन्हें अप्राकृतिक मानते थे। सरदार पटेल और जेबी कृपलानी ने भी उनके व्यवहार के कारण उनसे दूरी बना ली थी।
हालांकि, गांधी को वैश्विक स्तर पर सम्मानित किया जाता है, लेकिन उनके व्यक्तिगत जीवन के ये पहलू भारत के "राष्ट्रपिता" की एक-आयामी छवि को चुनौती देते हैं।