महाकुंभ में महिलाओं की निजता का उल्लंघन: अश्लील वीडियो का खुलासा

महाकुंभ में महिलाओं की निजता का उल्लंघन करते हुए अश्लील वीडियो बनाने का मामला सामने आया है। जांच में पता चला है कि स्नान और कपड़े बदलने के दौरान महिलाओं की गुप्त रूप से रिकॉर्डिंग की जा रही थी, जिन्हें सोशल मीडिया पर बेचा जा रहा था। इस खुलासे ने राजनीतिक हलकों में भी हलचल मचा दी है, जहां समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष ने यूपी सरकार पर निशाना साधा है। जानें इस घिनौने कृत्य का खुलासा कैसे हुआ और इसके पीछे की सच्चाई क्या है।
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महाकुंभ में महिलाओं की निजता का उल्लंघन: अश्लील वीडियो का खुलासा

महाकुंभ में महिलाओं की सुरक्षा पर बड़ा सवाल


महाकुंभ, जो आस्था का प्रतीक है, में महिलाओं की निजता का उल्लंघन करने वाला एक गंभीर मामला सामने आया है। स्नान और कपड़े बदलने के दौरान महिलाओं की गुप्त रूप से रिकॉर्डिंग कर अश्लील वीडियो बनाए जा रहे थे, जिन्हें बाद में सोशल मीडिया और टेलीग्राम पर बेचा गया। जब इस मामले का खुलासा हुआ, तो सभी लोग हैरान रह गए।


खुलासा कैसे हुआ?

एक मीडिया चैनल की जांच में पता चला कि महाकुंभ 2025 में स्नान कर रहीं महिलाओं की आपत्तिजनक तस्वीरें और वीडियो चोरी-छिपे रिकॉर्ड किए जा रहे थे। ये वीडियो फेसबुक, इंस्टाग्राम और यूट्यूब जैसे प्लेटफार्मों पर साझा किए जा रहे थे। कुछ लोगों ने इनका डेटा बैंक भी बना लिया था।


इन वीडियो को #mahakumbh2025, #gangasnan, #prayagrajkumbh जैसे हैशटैग्स के माध्यम से प्रचारित किया जा रहा था। एक वीडियो में एक महिला को गंगा में स्नान करते हुए दिखाया गया, जिसमें उसका चेहरा नहीं था, लेकिन शरीर के कुछ हिस्से दिखाए गए थे।


अश्लील सामग्री की बिक्री

जांच में दो टेलीग्राम चैनल सामने आए, जहां इन गुप्त वीडियो को बेचने की पेशकश की जा रही थी। इन चैनलों के नाम "Ganga River Open Bathing Group" और "Hidden Bath Videos Group" थे।


टेलीग्राम एनालिटिक्स प्लेटफॉर्म के अनुसार, 12 से 18 फरवरी के बीच "open bathing" सर्च टर्म में भारी बढ़ोतरी देखी गई। इन ग्रुप्स में महिलाओं के स्नान और कपड़े बदलने के वीडियो को बेचने के लिए 1,999 रुपये से 3,000 रुपये तक की फीस ली जा रही थी।


सीसीटीवी फुटेज की बिक्री

यह मामला केवल स्नान के वीडियो तक सीमित नहीं था। कुछ ग्रुप्स में अस्पतालों और क्लीनिक के सीसीटीवी फुटेज भी बेचे जा रहे थे, जिनमें डॉक्टर और नर्सें महिलाओं की जांच कर रही थीं।


महाकुंभ के नाम पर फर्जीवाड़ा

महत्वपूर्ण बात यह है कि इनमें से कई वीडियो पुराने थे और महाकुंभ 2025 से संबंधित नहीं थे। लेकिन उन्हें प्रयागराज महाकुंभ के नाम से साझा किया जा रहा था।


राजनीतिक प्रतिक्रिया

इस मामले ने राजनीतिक हलकों में भी हलचल मचा दी है। समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष ने यूपी सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि "महाकुंभ में नारी के सम्मान की रक्षा करने में भाजपा सरकार पूरी तरह विफल रही है।" उन्होंने सरकार से इस मामले में सख्त कार्रवाई की मांग की है।