महाकुंभ में आईआईटी से पढ़े 5 संत: आध्यात्मिकता की ओर यात्रा

प्रयागराज में चल रहे महाकुंभ में कई साधू-संत शामिल हो रहे हैं, जिनमें से कुछ ने प्रतिष्ठित आईआईटी से शिक्षा प्राप्त की है। ये संत अपनी आध्यात्मिक यात्रा के माध्यम से लोगों को ज्ञान और शांति का संदेश दे रहे हैं। इस लेख में हम आपको पांच ऐसे संतों के बारे में बताएंगे, जिन्होंने अपने करियर को छोड़कर अध्यात्म की ओर कदम बढ़ाया है। जानिए कौन हैं ये आईआईटीयन बाबा और उनका क्या योगदान है।
 | 
महाकुंभ में आईआईटी से पढ़े 5 संत: आध्यात्मिकता की ओर यात्रा

महाकुंभ का आध्यात्मिक उत्सव


प्रयागराज में चल रहे महाकुंभ में लाखों साधू-संत शामिल हो रहे हैं, जो अध्यात्म के प्रति जागरूकता फैला रहे हैं। इस दौरान कुछ बाबा अपनी अनोखी छवि और ज्ञान के लिए जाने जाते हैं। इनमें से कई संत ऐसे हैं, जिन्होंने प्रतिष्ठित संस्थानों से शिक्षा प्राप्त की है और अब वे अपने अनुभवों से लोगों को मार्गदर्शन कर रहे हैं।


1. रसनाथ दास

महाकुंभ में आईआईटी से पढ़े 5 संत: आध्यात्मिकता की ओर यात्रा


रसनाथ दास महाराज, जिन्होंने आईआईटी और कॉर्नेल विश्वविद्यालय से शिक्षा प्राप्त की है, ने भौतिक दुनिया को छोड़कर आत्म-साक्षात्कार की राह चुनी। आज वे लोगों को शांति और संतोष का मार्ग दिखा रहे हैं।


2. स्वामी मुकुंदानंद

महाकुंभ में आईआईटी से पढ़े 5 संत: आध्यात्मिकता की ओर यात्रा


स्वामी मुकुंदानंद, जिन्होंने आईआईटी दिल्ली और एमबीए की डिग्री प्राप्त की, अब एक प्रसिद्ध संत हैं। उन्होंने कॉर्पोरेट जीवन को छोड़कर आध्यात्मिकता की ओर कदम बढ़ाया और अपने अनुयायियों को शांति का अनुभव कराने में मदद कर रहे हैं।


3. अविरल जैन

महाकुंभ में आईआईटी से पढ़े 5 संत: आध्यात्मिकता की ओर यात्रा


अविरल जैन, जिन्होंने आईआईटी और बीएचयू से शिक्षा ली, ने 2019 में एक अच्छी नौकरी छोड़कर आंतरिक शांति की खोज शुरू की। आज वे ध्यान और आत्मज्ञान का संदेश फैलाने में लगे हुए हैं।


4. आचार्य प्रशांत

महाकुंभ में आईआईटी से पढ़े 5 संत: आध्यात्मिकता की ओर यात्रा


आचार्य प्रशांत, जिन्होंने आईआईटी दिल्ली से स्नातक किया, ने अपने करियर को छोड़कर लोगों को जीवन और अध्यात्म के गहरे रहस्यों को समझाने का कार्य शुरू किया। उनके वीडियो सोशल मीडिया पर काफी लोकप्रिय हो रहे हैं।


5. राधेश्याम दास

महाकुंभ में आईआईटी से पढ़े 5 संत: आध्यात्मिकता की ओर यात्रा


राधेश्याम दास ने आईआईटी बॉम्बे से मास्टर्स की डिग्री प्राप्त की और बाद में आध्यात्मिकता की ओर मुड़ गए। उन्होंने 1997 में एक आध्यात्मिक केंद्र की स्थापना की।