महाकुंभ 2025: श्रद्धालुओं की अद्भुत संख्या संगम में

महाकुंभ 2025, जो विश्व का सबसे बड़ा धार्मिक सांस्कृतिक समागम है, ने अद्भुत श्रद्धालु संख्या का रिकॉर्ड बनाया है। प्रतिदिन औसतन 1.44 करोड़ लोग संगम में स्नान कर रहे हैं। विशेष पर्वों पर यह संख्या और भी बढ़ गई है, जैसे मौनी अमावस्या पर 7.64 करोड़ श्रद्धालु। इस आयोजन ने न केवल भारत में बल्कि वैश्विक स्तर पर सनातन संस्कृति के प्रेमियों को एकत्रित किया है। जानें इस ऐतिहासिक आयोजन के बारे में और भी जानकारी।
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महाकुंभ 2025: श्रद्धालुओं की अद्भुत संख्या संगम में

महाकुंभ 2025 का अद्भुत आयोजन


महाकुंभ नगर, 10 फरवरी। विश्व के सबसे विशाल धार्मिक और सांस्कृतिक आयोजन 'महाकुंभ 2025' ने वैश्विक स्तर पर एक अद्वितीय पहचान बना ली है। यह आयोजन दुनिया के प्रमुख धार्मिक समारोहों में अपनी विशेषता के लिए जाना जाता है।


प्रयागराज में मां गंगा, मां यमुना और अदृश्य सरस्वती के संगम पर पिछले 30 दिनों से श्रद्धालुओं का एक निरंतर प्रवाह देखने को मिल रहा है।


यदि हम महाकुंभ में श्रद्धालुओं की संख्या का आंकलन करें, तो औसतन 1.44 करोड़ लोग प्रतिदिन त्रिवेणी संगम में स्नान कर रहे हैं। यह आयोजन सनातन धर्म के अनुयायियों की आस्था और श्रद्धा का अद्भुत प्रदर्शन कर रहा है।


विशेष पर्वों के दौरान श्रद्धालुओं की संख्या में उल्लेखनीय वृद्धि देखी गई है। 29 जनवरी को मौनी अमावस्या के अवसर पर 7.64 करोड़ से अधिक लोग संगम में स्नान करने पहुंचे, जबकि 28 जनवरी को 4.99 करोड़ श्रद्धालुओं ने पवित्र जल में डुबकी लगाई। 14 जनवरी (मकर संक्रांति) को भी 3.50 करोड़ श्रद्धालुओं ने स्नान किया।


मौनी अमावस्या के बाद भी श्रद्धालुओं का यह रेला जारी है, और प्रतिदिन लगभग एक करोड़ लोग संगम में स्नान करने के लिए आ रहे हैं। इस दौरान महाकुंभ नगरी भक्ति और आध्यात्मिक ऊर्जा से भरी हुई है। 9 फरवरी तक 43 करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं ने संगम में स्नान कर एक नया कीर्तिमान स्थापित किया है।


योगी सरकार ने इस विशाल और ऐतिहासिक आयोजन के लिए पहले से ही विशेष तैयारियां की थीं, जिससे श्रद्धालुओं को स्नान और अन्य सुविधाएं सुगम हो सकें। सुरक्षा, स्वच्छता और प्रबंधन के उत्कृष्ट प्रयासों ने महाकुंभ को ऐतिहासिक बना दिया है। इस आस्था के महासमागम ने न केवल भारत, बल्कि पूरी दुनिया के सनातन संस्कृति प्रेमियों को एकजुट किया है।


श्रद्धालुओं की संख्या के आंकड़े

13 जनवरी (पौष पूर्णिमा) को 1.70 करोड़


14 जनवरी (मकर संक्रांति) को 3.50 करोड़


26 जनवरी को 1.74 करोड़


27 जनवरी को 1.55 करोड़


28 जनवरी को 4.99 करोड़


29 जनवरी (मौनी अमावस्या) को 7.64 करोड़


30 जनवरी को 2.06 करोड़


31 जनवरी को 1.82 करोड़


1 फरवरी को 2.15 करोड़


3 फरवरी (बसंत पंचमी) को 2.57 करोड़


9 फरवरी को 1.57 करोड़