महराजगंज में 33 साल पुराने मुकदमे का फैसला, दोषियों को मिली एक दिन की सजा

महराजगंज जिले के सिविल कोर्ट ने 33 साल पुराने मुकदमे में दोषियों को एक दिन की सजा और 1500 रुपये का जुर्माना सुनाया है। यह मामला पुरन्दरपुर क्षेत्र से संबंधित है, जहां पुलिस ने प्रभावी पैरवी के जरिए आरोपियों के खिलाफ सजा सुनिश्चित की। इस फैसले के साथ ही, एक अन्य मामले में नई दिल्ली की अदालत ने 20 साल पुराने सड़क दुर्घटना के मामले में एक आरोपी को दोषी ठहराया। जानें इस अदालती फैसले की पूरी कहानी और इसके पीछे की घटनाएं।
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महराजगंज में 33 साल पुराने मुकदमे का फैसला, दोषियों को मिली एक दिन की सजा

महराजगंज में अदालती फैसला


महराजगंज। यूपी समाचार: महराजगंज जिले के सिविल कोर्ट ने 33 वर्षों से चल रहे एक मुकदमे में दोषियों को एक दिन की सजा सुनाई है। इसके साथ ही, अदालत ने 1500 रुपये का जुर्माना भी लगाया है। यह कार्रवाई पुलिस विभाग के 'ऑपरेशन शिकंजा' के तहत की गई, जिसमें प्रभावी पैरवी के माध्यम से आरोपियों के खिलाफ सजा सुनिश्चित की गई। यह मामला जिले के पुरन्दरपुर क्षेत्र से संबंधित है।


पुलिस कार्यालय की मीडिया सेल के अनुसार, पुरन्दरपुर पुलिस ने 1989 में तीन आरोपियों बुद्धिराम, शीश मुहम्मद और हमीमुद्दीन के खिलाफ आईपीसी की धारा 382 और 411 के तहत मामला दर्ज किया था।


जांच के बाद चार्जशीट अदालत में पेश की गई। ट्रायल के दौरान अभियोजन पक्ष ने आरोपियों के खिलाफ सजा की मांग की। कोर्ट ने सबूतों के आधार पर आरोपियों को एक दिन की न्यायिक अभिरक्षा और 1500 रुपये के जुर्माने से दंडित किया। यदि जुर्माना नहीं भरा गया, तो 10 दिन की अतिरिक्त कारावास की सजा सुनाई गई।


इसके अलावा, धारा 411 आईपीसी के तहत भी एक दिन की न्यायिक अभिरक्षा और 500 रुपये का जुर्माना लगाया गया। जुर्माना न भरने पर दोषियों को 10 दिन की अतिरिक्त सजा भुगतनी होगी।


हाल ही में, नई दिल्ली में एक अदालत ने 20 साल पुराने सड़क दुर्घटना के मामले में एक आरोपी को दोषी ठहराया था। यह घटना 2 मार्च 2002 को हुई थी, जब एक ट्रैक्टर ने एक व्यक्ति को टक्कर मारी थी, जिससे उसे गंभीर चोटें आई थीं। 12 दिन के उपचार के बाद पीड़ित की अस्पताल में मृत्यु हो गई। इस मामले में ट्रैक्टर चालक के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था।