महबूबा मुफ्ती का केंद्र पर आरोप: जम्मू-कश्मीर में लोगों के साथ क्रिमिनल जैसा व्यवहार

महबूबा मुफ्ती ने केंद्र सरकार पर जम्मू-कश्मीर में निवासियों के साथ क्रिमिनल जैसा व्यवहार करने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि राज्य के लोगों को राष्ट्र-विरोधी करार दिया जा रहा है और उनकी संपत्तियों को जब्त किया जा रहा है। मुफ्ती ने दिवंगत सैयद अली शाह गिलानी का भी जिक्र किया, जिनके घर को कुर्क किया गया है। इस मुद्दे पर उन्होंने मानवता और वैचारिक मतभेदों के बीच के अंतर को रेखांकित किया। जानें इस विवादास्पद बयान के पीछे की पूरी कहानी।
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महबूबा मुफ्ती का केंद्र पर आरोप: जम्मू-कश्मीर में लोगों के साथ क्रिमिनल जैसा व्यवहार

महबूबा मुफ्ती का गंभीर आरोप

महबूबा मुफ्ती का केंद्र पर आरोप: जम्मू-कश्मीर में लोगों के साथ क्रिमिनल जैसा व्यवहार

महबूबा मुफ्ती

महबूबा मुफ्ती, जो पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (PPP) की अध्यक्ष हैं, ने हाल ही में केंद्र सरकार पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर में निवासियों के साथ अपराधियों जैसा व्यवहार किया जा रहा है। अनंतनाग जिले में पत्रकारों से बातचीत करते हुए, मुफ्ती ने बताया कि राज्य के लोगों को नौकरी से निकाला जा रहा है और उन्हें राष्ट्र-विरोधी करार दिया जा रहा है।

उन्होंने कहा कि पहले लोगों को राष्ट्रद्रोही कहा जाता है और फिर उनकी संपत्तियों को जब्त किया जाता है या उनके घरों को विस्फोट से उड़ा दिया जाता है।

महबूबा मुफ्ती ने दिवंगत सैयद अली शाह गिलानी का भी उल्लेख किया, जिनके द्वारा स्थापित प्रतिबंधित संगठन तहरीक-ए-हुर्रियत कश्मीर के कार्यालय को जब्त कर लिया गया है।

गिलानी के घर की कुर्की पर उठाए सवाल

महबूबा मुफ्ती ने यह सवाल उठाया कि जब अलगाववादी नेता का निधन हो गया, तब भी उनकी विधवा वहां रह रही थी, फिर भी इस तरह की कार्रवाई की गई।

गिलानी का आवास हैदरपुरा में स्थित तीन मंजिला इमारत थी, जो तहरीक-ए-हुर्रियत का मुख्यालय भी था। गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम के तहत इस भवन और कार्यालय को जब्त किया गया है।

महबूबा मुफ्ती ने कहा कि गिलानी के निधन के बाद उनकी 80 वर्षीय विधवा वहां रहती हैं। उन्होंने कहा कि मानवता का भी कोई मूल्य होना चाहिए। हाल ही में उनके साथ अमानवीय व्यवहार किया गया है। इस मकान में एक 80 वर्षीय विधवा रह रही थी, जो किसी की मां भी हैं। उनका घर जब्त कर लिया गया।

वैचारिक मतभेद और अमानवीय व्यवहार

मुफ्ती ने कहा कि राजनीतिक दलों के बीच वैचारिक मतभेद हो सकते हैं, लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि किसी के साथ अमानवीय व्यवहार किया जाए।

उन्होंने कहा कि हर किसी के विचारों में भिन्नता हो सकती है। जैसे उन्हें आरएसएस की विचारधारा पसंद नहीं है, वैसे ही उन्हें गिलानी की विचारधारा भी स्वीकार नहीं है, लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि उनके घर को आपराधिक करार दिया जाए।

उन्होंने यह भी बताया कि फलाह-ए-आम ट्रस्ट और जमात-ए-इस्लामी के स्कूलों को भी कुर्क किया गया है। हर दिन छापेमारी की जा रही है। ऐसे में कश्मीर की स्थिति क्या हो रही है।