मराठा आरक्षण पर चर्चा के लिए मुख्यमंत्री से मिले जल संसाधन मंत्री

मुख्यमंत्री से मुलाकात
महाराष्ट्र के जल संसाधन मंत्री राधाकृष्ण विखे पाटिल ने मराठा आरक्षण की मांग को लेकर भूख हड़ताल पर बैठे कार्यकर्ता मनोज जरांगे से चर्चा करने के लिए मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस से देर रात मुलाकात की। यह जानकारी रविवार को सूत्रों द्वारा दी गई।
मंत्रिमंडलीय उप-समिति की भूमिका
विखे पाटिल, जो कि मराठा समुदाय के आरक्षण और उनकी सामाजिक, शैक्षणिक तथा आर्थिक स्थिति से संबंधित मुद्दों पर ध्यान देने के लिए गठित मंत्रिमंडलीय उप-समिति के अध्यक्ष हैं।
जरांगे की भूख हड़ताल
मनोज जरांगे, जो कि मराठा समुदाय के लिए 10 प्रतिशत आरक्षण की मांग कर रहे हैं, शुक्रवार से दक्षिण मुंबई के आजाद मैदान में भूख हड़ताल पर हैं। उनका उद्देश्य है कि मराठों को अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) में कृषक जाति कुनबी के रूप में मान्यता दी जाए, ताकि उन्हें सरकारी नौकरियों और शिक्षा में आरक्षण मिल सके।
सरकारी प्रतिनिधिमंडल की बैठक
शनिवार को, उच्च न्यायालय के सेवानिवृत्त न्यायाधीश संदीप शिंदे के नेतृत्व में सरकार द्वारा नियुक्त एक प्रतिनिधिमंडल ने जरांगे से मुलाकात की। जरांगे ने मराठवाड़ा में मराठों को कुनबी का दर्जा देने की मांग की है।
आगे की कार्रवाई
उन्होंने यह भी कहा कि एक शासनादेश (जीआर) जारी किया जाना चाहिए, जिसमें यह स्पष्ट किया जाए कि कुनबी और मराठा एक ही हैं। न्यायमूर्ति शिंदे मराठा समुदाय के कुनबी अभिलेखों की जांच के लिए गठित समिति के अध्यक्ष हैं।
इस मुद्दे पर चर्चा के लिए विखे पाटिल ने शनिवार रात मुख्यमंत्री फडणवीस से मुलाकात की, जो लगभग एक घंटे तक चली। इस बैठक में भाजपा के वरिष्ठ नेता गिरीश महाजन भी शामिल थे। विखे पाटिल की अध्यक्षता वाली मंत्रिमंडलीय उप-समिति की आज फिर से बैठक होगी।