मराठा आरक्षण आंदोलन में भाग न लेने वाले नेताओं को चुनाव में हराने की चेतावनी

मनोज जरांगे, जो मराठा आरक्षण के लिए सक्रिय हैं, ने 29 अगस्त को मुंबई में होने वाले आंदोलन में भाग न लेने वाले नेताओं को चुनाव में हराने की चेतावनी दी है। उन्होंने कहा कि आंदोलन के लिए एक लाख स्वयंसेवकों की आवश्यकता होगी और मुख्यमंत्री को आंदोलनकारियों के खिलाफ बलप्रयोग न करने की सलाह दी। जरांगे ने पिछले दो वर्षों में कई बार भूख हड़ताल की है, और उन्होंने नेताओं को चेतावनी दी है कि यदि वे गांव में ही रह जाते हैं, तो उन्हें चुनाव में हार का सामना करना पड़ेगा।
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मराठा आरक्षण आंदोलन में भाग न लेने वाले नेताओं को चुनाव में हराने की चेतावनी

मनोज जरांगे का बयान

मराठा आरक्षण के लिए सक्रिय कार्यकर्ता मनोज जरांगे ने मंगलवार को स्पष्ट किया कि जो नेता 29 अगस्त को मुंबई में प्रस्तावित आंदोलन में शामिल नहीं होंगे, उन्हें चुनाव में पराजित किया जाना चाहिए। यह बयान उन्होंने धाराशिव जिले में एक बैठक के बाद मीडिया से बातचीत करते हुए दिया।


जरांगे ने कहा कि मराठा समुदाय के सदस्यों को बड़ी संख्या में मुंबई पहुंचना चाहिए। आंदोलन की शुरुआत के बाद, वे वापस लौट सकते हैं। उन्होंने बताया कि इस आंदोलन के लिए लगभग एक लाख स्वयंसेवकों की आवश्यकता होगी।


पिछले दो वर्षों में, जरांगे ने आरक्षण की मांग को लेकर कई बार भूख हड़ताल की है। उन्होंने यह भी कहा कि जो नेता गांव में ही रह जाते हैं, उन्हें चुनाव में हराना चाहिए। इसके साथ ही, उन्होंने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस को चेतावनी दी कि आंदोलनकारियों के खिलाफ किसी भी प्रकार की बलप्रयोग न किया जाए। जरांगे ने कहा कि यदि कुछ गलत हुआ, तो सरकार को इसके गंभीर परिणाम भुगतने होंगे।