ममता बनर्जी ने सांप्रदायिकता के खिलाफ लड़ाई जारी रखने का किया ऐलान

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने नफरत फैलाने वाली सांप्रदायिक शक्तियों के खिलाफ अपनी लड़ाई जारी रखने का संकल्प लिया है। उन्होंने तृणमूल कांग्रेस के निलंबित विधायक हुमायूं कबीर द्वारा प्रस्तावित मस्जिद की आधारशिला रखे जाने के संदर्भ में यह बात कही। बनर्जी ने इस दिन को संहति दिवस के रूप में मनाने की योजना बनाई है, जिसमें सभी धर्मों के लोगों के बीच एकता और सौहार्द का संदेश दिया जाएगा।
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ममता बनर्जी ने सांप्रदायिकता के खिलाफ लड़ाई जारी रखने का किया ऐलान

सांप्रदायिक शक्तियों के खिलाफ ममता का संकल्प

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने शनिवार को स्पष्ट किया कि नफरत फैलाने वाली सांप्रदायिक ताकतों के खिलाफ उनकी लड़ाई जारी रहेगी। उन्होंने कहा कि उनकी सरकार देश के संवैधानिक मूल्यों और सिद्धांतों की रक्षा करने के लिए प्रतिबद्ध है।


हुमायूं कबीर का विवादास्पद समारोह

यह बयान तृणमूल कांग्रेस के निलंबित विधायक हुमायूं कबीर द्वारा मुर्शिदाबाद जिले के बेलडांगा में बाबरी मस्जिद के समान एक मस्जिद की आधारशिला रखे जाने से पहले आया। कबीर ने इस समारोह को छह दिसंबर को आयोजित करने की घोषणा की, जो कि बाबरी मस्जिद के ढहाए जाने की बरसी भी है।


संहति दिवस का आयोजन

तृणमूल कांग्रेस ने इस दिन को संहति दिवस (एकता दिवस) के रूप में मनाने की योजना बनाई है, जिसमें सौहार्द और शांति की अपील की जाएगी।


बंगाल की एकता का संदेश

बनर्जी ने ‘एक्स’ पर लिखा, "बंगाल की भूमि एकता की भूमि है। यह रवींद्रनाथ टैगोर, नजरुल इस्लाम, और रामकृष्ण–विवेकानंद की भूमि है। इस भूमि ने कभी भी विभाजनकारी कदमों के सामने झुकने का साहस नहीं किया और आगे भी ऐसा नहीं करेगी।"


धर्मनिरपेक्षता का संदेश

उन्होंने कहा कि बंगाल में सभी धर्मों के लोग एक साथ मिलकर चलते हैं और अपनी खुशियों को साझा करते हैं। उनका मानना है कि हर व्यक्ति का धर्म के अनुसार अपनी आस्था का पालन करना एक अधिकार है।


आंबेडकर को श्रद्धांजलि

बनर्जी ने सभी को ‘संहति दिवस’ की शुभकामनाएं दीं और कहा कि उनकी लड़ाई उन लोगों के खिलाफ जारी रहेगी जो सांप्रदायिक नफरत फैलाते हैं। उन्होंने डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर को उनकी पुण्यतिथि पर श्रद्धांजलि दी और उनके योगदान को अमर बताया।