ममता बनर्जी ने मनरेगा का नाम बदलने पर केंद्र सरकार पर साधा निशाना

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए मनरेगा का नाम बदलने के निर्णय की आलोचना की। उन्होंने घोषणा की कि उनकी सरकार 'कर्मश्री' योजना का नाम महात्मा गांधी के नाम पर रखेगी। बनर्जी ने कहा कि केंद्र सरकार ने मनरेगा के लिए धनराशि रोक रखी है, लेकिन वे सुनिश्चित करेंगे कि लोगों को काम मिले। इस विषय पर उनके विचार और योजनाएं जानने के लिए पूरा लेख पढ़ें।
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ममता बनर्जी ने मनरेगा का नाम बदलने पर केंद्र सरकार पर साधा निशाना

मुख्यमंत्री ममता बनर्जी का बयान

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने 20 साल पुराने मनरेगा कार्यक्रम का नाम बदलकर 'विकसित भारत-जी राम योजना' करने के केंद्र की भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सरकार के कदम पर कड़ी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने बृहस्पतिवार को एक व्यापार और उद्योग सम्मेलन में कहा कि उनकी सरकार अपने ग्रामीण रोजगार गारंटी कार्यक्रम का नाम महात्मा गांधी के नाम पर रखेगी।


बनर्जी ने कहा, "यदि कुछ राजनीतिक दल हमारे राष्ट्रीय महापुरुषों का सम्मान नहीं करते हैं, तो यह हमारी जिम्मेदारी है कि हम ऐसा करें।"


भाजपा का नाम लिए बिना आलोचना

हालांकि, उन्होंने भाजपा का नाम सीधे तौर पर नहीं लिया। यह घोषणा ऐसे समय में हुई जब लोकसभा ने 'विकसित भारत-जी राम जी विधेयक, 2025' पारित किया, जो महात्मा गांधी राष्ट्रीय रोजगार गारंटी अधिनियम (मनरेगा) का स्थान लेगा।


बनर्जी ने धन धान्य सभागार में कहा, "मुझे शर्म आती है कि उन्होंने मनरेगा से महात्मा गांधी का नाम हटाने का निर्णय लिया है। हम राष्ट्रपिता को भी भूल रहे हैं।"


कर्मश्री योजना का नामकरण

उन्होंने यह भी घोषणा की कि राज्य की 'कर्मश्री' योजना का नाम महात्मा गांधी के नाम पर रखा जाएगा। इस योजना के तहत राज्य सरकार का दावा है कि लाभार्थियों को 75 दिनों तक काम दिया जाता है। बनर्जी ने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार ने मनरेगा के लिए धनराशि रोक रखी है।


मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य का लक्ष्य भविष्य में 'कर्मश्री' योजना के तहत कार्यदिवसों की संख्या बढ़ाकर 100 करना है। उन्होंने कहा, "हमने पहले ही अपने संसाधनों से कई कार्यदिवस सृजित किए हैं। भले ही केंद्र की निधि रोकी जाए, हम यह सुनिश्चित करेंगे कि लोगों को काम मिले। हम भिखारी नहीं हैं।"