ममता बनर्जी ने मतदाता पुनरीक्षण प्रक्रिया पर उठाए गंभीर सवाल

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने राज्य में चल रहे मतदाता पुनरीक्षण अभ्यास पर गंभीर चिंताएँ व्यक्त की हैं। उन्होंने मुख्य चुनाव आयुक्त को लिखे पत्र में प्रशिक्षण की कमी, अव्यवस्थित प्रक्रिया और बीएलओ पर बढ़ते कार्यभार का उल्लेख किया। बनर्जी ने कहा कि यह स्थिति चुनावी लोकतंत्र की नींव को खतरे में डाल रही है। जानें इस मुद्दे पर उनके विचार और क्या कदम उठाए जा सकते हैं।
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ममता बनर्जी ने मतदाता पुनरीक्षण प्रक्रिया पर उठाए गंभीर सवाल

मुख्यमंत्री की चिंताएँ

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने गुरुवार को राज्य में चल रहे मतदाता सूचियों के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) अभ्यास के बारे में अपनी चिंताओं को व्यक्त किया।


मुख्यमंत्री ने 20 नवंबर को मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार को एक पत्र लिखा, जिसमें उन्होंने इस प्रक्रिया में प्रशिक्षण की कमी, आवश्यक दस्तावेज़ीकरण की अस्पष्टता और व्यस्त कार्यक्रम के कारण मतदाताओं से मिलना कठिन होने की बात कही।


उन्होंने एसआईआर के दौरान अपर्याप्त योजना, प्रशिक्षण की कमी और अवास्तविक समयसीमा का उल्लेख किया, जो इस प्रक्रिया की विश्वसनीयता को प्रभावित कर रहे हैं।


पत्र में उठाए गए मुद्दे

पत्र में मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्होंने बार-बार एसआईआर के संबंध में अपनी चिंताओं को उठाया है। अब स्थिति इतनी गंभीर हो गई है कि यह प्रक्रिया अधिकारियों और नागरिकों पर अनियोजित और अव्यवस्थित तरीके से थोपी जा रही है।


बुनियादी तैयारी और स्पष्ट संचार की कमी ने इस प्रक्रिया को पहले दिन से ही बाधित कर दिया है। उन्होंने बूथ स्तर के अधिकारियों (बीएलओ) पर बढ़ते कार्यभार और दबाव को भी उजागर किया, जो ऑनलाइन डेटा प्रविष्टि, सर्वर की समस्याओं और अपर्याप्त प्रशिक्षण का सामना कर रहे हैं।


बीएलओ की स्थिति

मुख्यमंत्री ने पत्र में कहा कि वह बीएलओ द्वारा किए गए प्रयासों की सराहना करती हैं, लेकिन यह भी स्वीकार किया कि उन्हें इस विशाल कार्य के लिए पर्याप्त प्रशिक्षण और सहायता नहीं मिली है।


अवास्तविक कार्यभार और समयसीमा ने पूरी प्रक्रिया की विश्वसनीयता को खतरे में डाल दिया है। उन्होंने कहा कि बीएलओ अब अपनी मानवीय सीमाओं से परे जाकर काम कर रहे हैं, और उनसे उम्मीद की जाती है कि वे अपने मुख्य कर्तव्यों के साथ-साथ घर-घर जाकर सर्वेक्षण भी करेंगे।


अधिकांश बीएलओ प्रशिक्षण की कमी और सर्वर की विफलता के कारण ऑनलाइन फॉर्म भरने में संघर्ष कर रहे हैं।