ममता बनर्जी ने बिहार में मतदाता सूची पुनरीक्षण पर उठाए सवाल

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बिहार में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने इसे भाजपा-नीत केंद्र सरकार की योजना बताया और कहा कि बांग्ला भाषी भारतीय नागरिकों को बांग्लादेशी बताकर भेजा जा रहा है। बनर्जी ने इस प्रक्रिया के लिए आवश्यक दस्तावेजों की सुरक्षा को लेकर चिंता जताई और कहा कि यह सभी धर्मों के लोगों को नुकसान पहुंचाएगा। विपक्षी दलों ने इस मुद्दे पर संसद में विरोध प्रदर्शन किया है। जानें और क्या कहा बनर्जी ने।
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ममता बनर्जी ने बिहार में मतदाता सूची पुनरीक्षण पर उठाए सवाल

मुख्यमंत्री ममता बनर्जी का आरोप

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने मंगलवार को बिहार में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) को लेकर गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि यह योजना भाजपा-नीत केंद्र सरकार की सोच का परिणाम है, जिसमें निर्वाचन आयोग की मिलीभगत भी शामिल है।


बांग्ला भाषियों पर आरोप

बनर्जी ने पश्चिम मेदिनीपुर जिले के बाढ़ प्रभावित घाटल का दौरा करते हुए यह भी कहा कि बांग्ला भाषी भारतीय नागरिकों को बांग्लादेशी बताकर पड़ोसी देश भेजा जा रहा है। उन्होंने स्पष्ट किया कि यह योजना केंद्र सरकार द्वारा बनाई गई है और वे इससे सहमत नहीं हैं।


पुनरीक्षण प्रक्रिया पर आपत्ति

मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि इस प्रक्रिया के लिए माता-पिता के जन्म प्रमाण-पत्रों को सुरक्षित रखना सभी के लिए संभव नहीं है। उन्होंने स्पष्ट किया कि वह पश्चिम बंगाल में एसआईआर के किसी भी प्रयास को स्वीकार नहीं करेंगी, खासकर जब राज्य में 2026 में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं।


धार्मिक समुदायों पर प्रभाव

बनर्जी ने दावा किया कि यदि राज्य में विशेष गहन पुनरीक्षण लागू किया जाता है, तो यह सभी धर्मों के लोगों को नुकसान पहुंचाएगा। विपक्षी दल संसद में इस मुद्दे पर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं, यह आरोप लगाते हुए कि निर्वाचन आयोग की यह कार्रवाई बिहार में विधानसभा चुनाव से पहले मतदाताओं को उनके अधिकारों से वंचित करने के लिए है।


प्रवासी कामगारों की सुरक्षा

बनर्जी ने यह भी कहा कि पश्चिम बंगाल के प्रवासी कामगारों को कुछ राज्यों में 'अपनी मातृके कारण' उत्पीड़न का सामना करना पड़ रहा है। उन्होंने यह आरोप लगाया कि उनके विरोध के कारण कुछ जगहों पर यह मांग उठ रही है कि उन्हें राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (एनएसए) के तहत गिरफ्तार किया जाए। इसके साथ ही, उन्होंने यह भी कहा कि एसआईआर के नाम पर एनआरसी लागू करने की कोशिशें चल रही हैं।