ममता बनर्जी का अनोखा सुझाव: पर्वतीय क्षेत्रों में मैंग्रोव लगाने की योजना

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने उत्तर बंगाल के पर्वतीय क्षेत्रों में मैंग्रोव और खसखस के पौधे लगाने का सुझाव दिया है। उनका मानना है कि इससे नदियों के किनारों पर प्राकृतिक अवरोधक बनाकर भारी बारिश के दौरान होने वाली तबाही को रोका जा सकता है। इस सुझाव पर विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी ने कटाक्ष किया है, जबकि बनर्जी ने प्राकृतिक आपदाओं से निपटने के लिए स्थायी समाधान की आवश्यकता पर जोर दिया है। जानें इस मुद्दे पर और क्या कहा गया है।
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ममता बनर्जी का अनोखा सुझाव: पर्वतीय क्षेत्रों में मैंग्रोव लगाने की योजना

मुख्यमंत्री का सुझाव

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने उत्तर बंगाल के पर्वतीय क्षेत्रों में 'मैंग्रोव' और खसखस के पौधे लगाने का एक अनूठा सुझाव दिया है। उनका मानना है कि इससे नदियों के किनारों पर प्राकृतिक अवरोधक बनाकर भारी बारिश के दौरान होने वाली तबाही को रोका जा सकता है।


सुंदरबन का उदाहरण

बनर्जी ने सुंदरबन में गंगासागर का उदाहरण देते हुए बताया कि वहां 'मैंग्रोव' चक्रवातों और बारिश के खिलाफ एक दीवार की तरह कार्य करते हैं। उन्होंने कहा कि तटीय क्षेत्र में पांच करोड़ मैंग्रोव पौधे लगाए गए हैं, जिससे सकारात्मक परिणाम देखने को मिले हैं।


प्राकृतिक अवरोधक की आवश्यकता

बनर्जी ने एक प्रशासनिक बैठक में कहा, "हमें प्राकृतिक आपदाओं से निपटने के लिए पर्वतीय क्षेत्रों में भी प्राकृतिक अवरोधक बनाने की आवश्यकता है। कंक्रीट के ढांचे पानी और भूस्खलन के कारण जल्दी ही ढह जाते हैं।"


विपक्ष की प्रतिक्रिया

विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी ने इस सुझाव पर कटाक्ष करते हुए कहा कि ममता बनर्जी को उनके 'ऐतिहासिक' विचार के लिए भूगोल और वनस्पति विज्ञान का नोबेल पुरस्कार मिलना चाहिए। उन्होंने सोशल मीडिया पर लिखा, "मैं उन्हें पहाड़ों में मैंग्रोव लगाने के विचार के लिए नामांकित करता हूं।"


मैंग्रोव का महत्व

अधिकारी ने बताया कि 'मैंग्रोव' एक विशेष प्रकार की वनस्पति है जो खारे जल में पनपती है और तटीय क्षेत्रों में सुरक्षा, जैव विविधता और जलवायु परिवर्तन से निपटने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।


राजनीतिक टिप्पणी

भाजपा नेता ने व्यंग्य करते हुए कहा, "ममता बनर्जी ने बाढ़ को रोकने के लिए पर्वतीय क्षेत्रों में मैंग्रोव लगाने का निर्णय लिया है।" उन्होंने राज्य में बदलाव की आवश्यकता पर जोर देते हुए कहा कि लोग 2026 में होने वाले विधानसभा चुनाव का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं।