मनोज बाजपेयी ने 'अक्स' के महत्व और चुनौतीपूर्ण किरदार पर की चर्चा

मनोज बाजपेयी ने अपनी फिल्म 'अक्स' के महत्व और किरदार राघवण की चुनौती पर चर्चा की। उन्होंने बताया कि कैसे यह फिल्म उनके करियर का एक महत्वपूर्ण मोड़ थी और इसे आज के समय में अनुकूलित करने की आवश्यकता है। बाजपेयी ने श्री बच्चन के साथ काम करने के अनुभव को भी साझा किया, जो उनके लिए बहुत महत्वपूर्ण था। जानें इस फिल्म की स्थायी छाप और इसके पीछे की गहरी सोच।
 | 
मनोज बाजपेयी ने 'अक्स' के महत्व और चुनौतीपूर्ण किरदार पर की चर्चा

अक्स: करियर का महत्वपूर्ण मोड़

अभिनेता मनोज बाजपेयी ने बताया कि, 'अक्स' मेरे करियर में एक बहुत महत्वपूर्ण फिल्म थी। मैंने इस फिल्म पर 1999 में हस्ताक्षर किए थे, और यह सत्या, शूल और कौन के बाद आया। अनुराग कश्यप ने मुझे बताया कि राकेश मेहरा मुझसे मिलना चाहते हैं, और जब मैं उनसे मिला, तो मैंने पहले भाग तक की कहानी सुनी और मुझे यह स्पष्ट हो गया कि मैं इसका हिस्सा बनने जा रहा हूँ।


किरदार की चुनौती

क्या यह एक चुनौतीपूर्ण भूमिका थी?


मुझे यह समझ में आया कि यह किरदार राघवण को एक अलग तरीके से निभाने की चुनौती देगा। चूंकि इसमें कोई संवाद नहीं थे, मुझे इसे अपने दिमाग में ही बनाना था।


अच्छाई और बुराई का जटिल चित्रण

क्या 'अक्स' अच्छाई और बुराई पर एक जटिल दृष्टिकोण था?


बुराई एक बहुत व्यापक विषय है। बुराई कुछ भी हो सकती है। यह आकर्षक, लालच, क्रूरता, और चालाकी का प्रतीक है। मुझे इस किरदार में इन सभी तत्वों को समाहित करना था।


किरदार का विकास

क्या आपका किरदार लगातार बदल रहा था?


दर्शकों के लिए यह स्पष्ट हो जाता है कि इस किरदार को पार करना मुश्किल है। मैंने अपने अपार्टमेंट में राकेश मेहरा के सामने लगातार सुधार किया। जब संवाद तैयार हुए, तब मैंने एक दिन कमलेश पांडे जी के सामने प्रदर्शन किया ताकि उन्हें यह समझ में आए कि मैं इस बुरे किरदार को कैसे सोच रहा हूँ।


अक्षय आत्मा का दर्शन

क्या आपका किरदार अमर आत्मा के दर्शन का प्रतीक था?


पूरे ना मरता है, ना कोई मरता है के विचार पर मैंने अपने घर में रिहर्सल करते समय विचार किया। यह किरदार खोजने की यात्रा छह महीने की थी, और मैं कह सकता हूँ कि यह मेरे लिए सबसे समृद्ध अनुभवों में से एक रहा।


क्या 'अक्स' अब बेहतर काम करेगा?

क्या आप सोचते हैं कि 'अक्स' अब बेहतर काम करेगा?


राघवण अमर है। मुझे लगता है कि इसे वर्तमान समय के अनुसार अनुकूलित करना चाहिए। इसे फिर से नहीं बनाना चाहिए, बल्कि इसे आज के समय में अनुकूलित करना चाहिए।


बच्चन के साथ काम करने का अनुभव

श्री बच्चन के साथ काम करना कैसा था?


श्री बच्चन के साथ काम करना अद्भुत था। शूटिंग से पहले कई बार उनसे मिला। मेरे लिए यह बहुत महत्वपूर्ण था कि मैं उन्हें एक किरदार के रूप में देख सकूँ। राकेश मेहरा ने मुझे बहुत सहज महसूस कराया।