मनसे कार्यकर्ताओं ने वाशिम में टोल प्लाज़ा पर किया तोड़फोड़, प्रशासनिक उदासीनता का आरोप
महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) के कार्यकर्ताओं ने वाशिम में टोल प्लाज़ा पर तोड़फोड़ की, आरोप लगाते हुए कि सड़क निर्माण कार्य अधूरा है जबकि टोल वसूली जारी है। इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है। मनसे इसे प्रशासनिक उदासीनता का परिणाम मानती है। वहीं, मुंबई में भी मनसे और पुलिस के बीच बढ़ते तनाव के बीच विरोध प्रदर्शन हुए। जानें इस घटनाक्रम के पीछे की पूरी कहानी।
Jul 9, 2025, 15:45 IST
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वाशिम में टोल प्लाज़ा पर तोड़फोड़ की घटना
महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) के सदस्यों ने बुधवार को वाशिम ज़िले में अकोला-नांदेड़ राजमार्ग पर स्थित टोंडगांव टोल प्लाज़ा पर तोड़फोड़ की। उनका कहना है कि सड़क निर्माण कार्य अधूरा होने के बावजूद टोल वसूली जारी है। इस घटना का एक वीडियो, जो सोशल मीडिया पर तेजी से फैल रहा है, में मनसे के कार्यकर्ता दिन के समय लोहे की छड़ों से टोल बूथों के शीशे तोड़ते हुए नजर आ रहे हैं, जिससे संपत्ति को काफी नुकसान हुआ है। किडसे ने विशेष रूप से कनेरगाँव गाँव की ओर जाने वाले रास्ते की ओर इशारा करते हुए कहा कि यह अधूरा पड़ा है, जबकि अधिकारी राजस्व वसूली में लगे हुए हैं। इस तोड़फोड़ की कई लोगों ने निंदा की है, लेकिन मनसे इसे प्रशासनिक उदासीनता के कारण बढ़ती जनता की हताशा का परिणाम मानती है।
मनसे और पुलिस के बीच बढ़ता तनाव
वाशिम की यह घटना मुंबई महानगर क्षेत्र में मनसे से जुड़े राजनीतिक तनाव के बीच हुई है। मंगलवार को मीरा-भायंदर के विभिन्न हिस्सों में भारी पुलिस बल तैनात किया गया था, क्योंकि मनसे कार्यकर्ताओं ने मराठी एकीकरण समिति और शिवसेना (यूबीटी) के सदस्यों के साथ मिलकर पुलिस के आदेशों की अवहेलना करते हुए विरोध मार्च निकालने का प्रयास किया था। इस रैली की योजना मूल रूप से बालाजी सर्कल से मीरा रोड स्टेशन तक थी, लेकिन आईपीसी की धारा 144 के तहत इसे अनुमति नहीं दी गई थी, जो गैरकानूनी रूप से एकत्र होने पर रोक लगाती है।
पुलिस की रोक और धरना-प्रदर्शन
हालांकि, दिन के समय ही समूह इकट्ठा होने लगे, जिसके कारण पुलिस ने सुरक्षा कारणों से कई बार रोक लगाई। इसके बाद धरना-प्रदर्शन हुआ और अंततः रैली मीरा रोड स्टेशन पर समाप्त हुई। वाशिम और मुंबई में घटित ये दो घटनाक्रम, सरकारी उपेक्षा और चयनात्मक पुलिसिंग के आरोपों के बीच, क्षेत्रीय और भाषाई पहचान को स्थापित करने के लिए मनसे के नए प्रयासों को उजागर करते हैं।