मध्यप्रदेश में शिक्षा के क्षेत्र में सुधार और विकास की नई दिशा

मध्यप्रदेश के स्कूल शिक्षा मंत्री उदय प्रताप सिंह ने हाल ही में विधानसभा में शिक्षा के क्षेत्र में सुधार और विकास की दिशा में कई महत्वपूर्ण बातें साझा की। उन्होंने बताया कि नई शिक्षा नीति के तहत मातृभाषा पर जोर दिया गया है और तकनीकी शिक्षा में डिजिटल शिक्षा को प्राथमिकता दी गई है। मंत्री ने प्रदेश में साक्षरता दर में वृद्धि, स्कूलों की संख्या में वृद्धि और कौशल विकास योजनाओं की सफलता के बारे में भी जानकारी दी। इस लेख में शिक्षा के क्षेत्र में हो रहे बदलावों और योजनाओं की विस्तृत जानकारी दी गई है।
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मध्यप्रदेश में शिक्षा के क्षेत्र में सुधार और विकास की नई दिशा

शिक्षा मंत्री का बयान

भोपाल में स्कूल शिक्षा एवं परिवहन मंत्री उदय प्रताप सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विज़न-2047 के तहत मध्यप्रदेश को विकास की नई गति दी जाएगी। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के नेतृत्व में राज्य के विकास के सपने को साकार किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि नई शिक्षा नीति के तहत कक्षा-5 तक मातृभाषा पर जोर दिया गया है और व्यावसायिक शिक्षा को छात्रों के कौशल के अनुसार तैयार किया गया है। प्रदेश में तकनीकी शिक्षा में डिजिटल शिक्षा को प्राथमिकता दी गई है। मंत्री सिंह ने विधानसभा में विशेष सत्र के दौरान यह बातें कहीं। उन्होंने बताया कि राज्य की स्थापना के समय साक्षरता दर 21.41 प्रतिशत थी, जो अब लगभग 75 प्रतिशत तक पहुँच गई है। यह पूर्ववर्ती सरकारों के शिक्षा में सुधार और निवेश का परिणाम है।


स्कूल शिक्षा विभाग की उपलब्धियाँ

मंत्री ने सदन में जानकारी दी कि 2003-04 में प्रदेश में 4495 हाई स्कूल और 4211 हायर सेकेण्डरी स्कूल थे, जिनमें 18 लाख 79 हजार विद्यार्थी पढ़ाई कर रहे थे। अब 2025-26 में यह संख्या बढ़कर 22.56 लाख हो गई है। पिछले 20 वर्षों में 4670 माध्यमिक स्कूलों को हाई स्कूल में और 1991 हाई स्कूलों को हायर सेकेण्डरी में उन्नत किया गया है। नि:शुल्क साइकिल योजना के लाभार्थियों की संख्या 34 हजार से बढ़कर 4 लाख 90 हजार हो गई है। लैपटॉप योजना में लाभार्थियों की संख्या 473 से बढ़कर 94 हजार 300 हो गई है।


कौशल विकास और रोजगार

मंत्री सिंह ने बताया कि प्रदेश में आईटीआई में 94.5 प्रतिशत एडमिशन हुआ है, जो पिछले वर्ष की तुलना में 8 प्रतिशत अधिक है। इन संस्थानों में प्रशिक्षण ले रही महिलाओं की संख्या 12179 हो गई है। पिछले 20 वर्षों में सरकारी आईटीआई की संख्या 133 से बढ़कर 290 हो गई है।


तकनीकी शिक्षा में प्रगति

मंत्री ने कहा कि डिप्लोमा पाठ्यक्रम को कक्षा-12 के समकक्ष मान्यता मिलने से पॉलीटेक्निक महाविद्यालयों में प्रवेश में 21.38 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। मुख्यमंत्री मेधावी विद्यार्थी योजना के तहत 2024-25 में 78 हजार 218 मेधावी छात्रों को 750 करोड़ रुपये वितरित किए गए हैं।


उच्च शिक्षा का महत्व

मंत्री ने बताया कि उच्च शिक्षा समाज की रीढ़ होती है, जो युवाओं को रोजगार के साथ-साथ दृष्टि और नेतृत्व भी प्रदान करती है। उन्होंने कहा कि 2024 में गुना, खरगौन और सागर में नए विश्वविद्यालय स्थापित किए गए हैं, जो जनजातीय और पिछड़े क्षेत्रों के युवाओं के लिए उच्च शिक्षा के नए अवसर प्रदान कर रहे हैं।