मध्यप्रदेश में जनजातीय समुदाय के लिए नई मोबाइल मेडिकल यूनिट्स की शुरुआत

मध्यप्रदेश में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने 6 नई मोबाइल मेडिकल यूनिट्स को हरी झंडी दिखाकर जनजातीय समुदाय के लिए स्वास्थ्य सेवाओं को सुदृढ़ किया है। ये यूनिट्स दूरदराज के क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाओं की पहुँच को बेहतर बनाएंगी, जिससे कोई भी व्यक्ति चिकित्सा सुविधा से वंचित नहीं रहेगा। इस पहल का उद्देश्य जनजातीय इलाकों में स्वास्थ्य सेवाओं का विस्तार करना है।
 | 

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने मोबाइल मेडिकल यूनिट्स को हरी झंडी दिखाई

मध्यप्रदेश में जनजातीय समुदाय के लिए नई मोबाइल मेडिकल यूनिट्स की शुरुआत


मध्यप्रदेश के आलीराजपुर, खंडवा, धार और झाबुआ जिलों में जनजातीय समुदाय को अब घर-घर निःशुल्क स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध होंगी। मुख्यमंत्री ने कहा, "कोई भी व्यक्ति चिकित्सा सुविधा से वंचित नहीं रहेगा।"


मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने बताया कि राज्य सरकार जनजातीय समुदाय के विकास और सशक्तिकरण के प्रति पूरी तरह प्रतिबद्ध है। स्वास्थ्य सेवाओं को दूरदराज के क्षेत्रों तक पहुँचाने के लिए, शनिवार को मुख्यमंत्री निवास से धरती आबा जनजातीय ग्राम उत्कर्ष अभियान के तहत 6 नई मोबाइल मेडिकल यूनिट्स (एमएमयू) को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया गया।


आदिवासी क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाओं का विस्तार

ये यूनिट्स प्रदेश के जनजातीय बहुल जिलों जैसे आलीराजपुर, खंडवा, धार और झाबुआ में स्वास्थ्य सेवाओं की पहुँच को और मजबूत करेंगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह पहल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन में शुरू किए गए धरती आबा अभियान का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, जिसका उद्देश्य है कि "स्वास्थ्य सेवा हर घर, हर गांव तक पहुँचे।"


प्रदेश में 72 मोबाइल मेडिकल यूनिट्स की उपलब्धता

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने जानकारी दी कि वर्तमान में प्रदेश के 21 जिलों में 66 मोबाइल मेडिकल यूनिट्स प्रधानमंत्री जनजातीय आदिवासी न्याय महाअभियान (पीएम जन-मन) के तहत कार्यरत हैं। इन 6 नई यूनिट्स के जुड़ने से संख्या 72 हो जाएगी। इन यूनिट्स के माध्यम से निःशुल्क चिकित्सा परामर्श, दवा वितरण, मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य सेवाएं, टीकाकरण, आभा आईडी निर्माण, फिजियोथेरेपी और पैथोलॉजी जांच जैसी सुविधाएं प्रदान की जाएंगी।


10 किलोमीटर दायरे में अस्पताल न होने वाले गांवों को मिलेगी सहायता

डॉ. यादव ने कहा कि मोबाइल मेडिकल यूनिट्स उन गांवों तक भी पहुंचेंगी, जहाँ 10 किलोमीटर के दायरे में कोई स्थायी अस्पताल या स्वास्थ्य केंद्र नहीं है। उन्होंने कहा, "राज्य सरकार का उद्देश्य है कि मध्यप्रदेश के किसी भी नागरिक को स्वास्थ्य सुविधा से वंचित न रहना पड़े। यह पहल जनजातीय अंचलों में चिकित्सा सेवाओं की पहुँच को नई दिशा देगी।"


जनजातीय इलाकों में स्वास्थ्य सेवाओं में आएगा बदलाव

मुख्यमंत्री ने कहा कि इन यूनिट्स से दूरदराज के क्षेत्रों में रहने वाले लोगों को न केवल स्वास्थ्य सेवाएं मिलेंगी, बल्कि सिकल सेल एनीमिया, शुगर और अन्य बीमारियों की जांच और इलाज भी आसानी से संभव होगा। इस अवसर पर लोक स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा राज्यमंत्री नरेन्द्र शिवाजी पटेल, प्रमुख सचिव संदीप यादव, आयुक्त जनसम्पर्क दीपक कुमार सक्सेना और एनएचएम की प्रबंध निदेशक सुश्री सलोनी सिडाना भी उपस्थित थे।